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IND vs NZ Series: ECB की तरह रोटेशन पॉलिसी लागू करेगा BCCI, ‘अहम दौरों को छोड़कर सीनियर खिलाड़ियों को मिलेगा आराम’

IND vs NZ Series: ECB की तरह रोटेशन पॉलिसी लागू करेगा BCCI, ‘अहम दौरों को छोड़कर सीनियर खिलाड़ियों को मिलेगा आराम’

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IND vs NZ Series (India vs New Zealand)-New Zealand tour of India: कप्तान विराट कोहली और स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह सहित खिलाड़ियों की बायो-बबल थकान पर कई शिकायतों के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) इस मामले पर आखिरकार ध्यान देने के लिए तैयार हो गया है। बीसीसीआई अब इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड […]

IND vs NZ Series (India vs New Zealand)-New Zealand tour of India: कप्तान विराट कोहली और स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह सहित खिलाड़ियों की बायो-बबल थकान पर कई शिकायतों के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) इस मामले पर आखिरकार ध्यान देने के लिए तैयार हो गया है। बीसीसीआई अब इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड की तरह एक रोटेशन नीति (Rotation Policy) लागू करेगा, जिसकी शुरुआत न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज से होगी। खेल की ताजा खबरों के लिए पढ़ते रहिए hindi.insidesport.in

IND vs NZ Series: 2022 और 2023 में भारतीय खिलाड़ियों को लगातार कई टूर्नामेंट खेलने हैं। इस दौरान दो आईपीएल, टी20 वर्ल्ड और वनडे वर्ल्ड कप होना है। इन सब चीजों को ध्यान में रखकर BCCI बायो-बबल के कारण होने वाली थकान को गंभीरता से ले रहा है। दक्षिण अफ्रीका की एक महत्वपूर्ण सीरीज से पहले कई वरिष्ठ खिलाड़ियों को आराम दिया गया। इसी क्रम में श्रेयस अय्यर, जिन्हें अब तक केवल सफेद गेंद वाले क्रिकेट के लिए ही माना जाता था, को टेस्ट टीम के लिए बुलाया गया था। दक्षिण अफ्रीका में होने वाली भारत-ए टीम की सीरीज के लिए कृष्णप्पा गौतम, देवदत्त पडिक्कल, प्रियांक पांचाल समेत कई घरेलू सितारे का चयन हुआ है। यह सब उसी योजना का हिस्सा है।

New Zealand tour of India: BCCI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इनसाइडस्पोर्ट को बताया, “श्रेयस अय्यर का चयन विशुद्ध रूप से भविष्य के लिए बैक-अप तैयार करने के लिए है। रहाणे और पुजारा की उम्र कम नहीं हो रही है और हमें खिलाड़ियों की थकान को ध्यान में रखना चाहिए। लगातार बायो-बबल में बने रहना आसान नहीं है और स्क्वॉड को रोटेट करने की जरूरत होगी। न्यूजीलैंड सीरीज एक शुरुआत होगी और घरेलू सर्किट में हमारे पास जो प्रतिभा है, उससे बहुत अधिक खिलाड़ियों को कम से कम टी20 में मौका मिलेगा, जबकि हमारे पास टेस्ट के लिए एक कोर ग्रुप है।”

Rahul Dravid के कार्यकाल में क्या होंगे बदलाव?

  • महत्वपूर्ण दौरों को छोड़कर बीसीसीआई रोटेशन नीति लागू करेगा।
  • राहुल द्रविड़ ने अपने प्रेजेंटेशन के दौरान खिलाड़ियों की थकान के बारे में बात की और मामले को गंभीरता से लिया।
  • टी20 खिलाड़ियों का बड़ा पूल तैयार किया जाएगा और सीनियर खिलाड़ियों को घरेलू सीरीज से आराम दिया जाएगा।
  • ईसीबी के विपरीत बीसीसीआई खिलाड़ियों को आराम करने के लिए मजबूर नहीं करेगा, बल्कि खिलाड़ियों से पूछा जाएगा कि क्या वे चाहते हैं?
  • बीसीसीआई की नजर में अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा के हालिया फॉर्म हैं। इसलिए वह बैकअप तैयार करना चाहता है।

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India vs New Zealand: टीम में रोटेशन नीति (Rotation Policy) को सख्ती से लागू करने के कारण ईसीबी की आलोचना की जाती रही है। मोईन अली को फरवरी-मार्च में भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज से बाहर कर दिया गया था। ईसीबी स्टार खिलाड़ियों को आराम देता है। हालांकि, उस सीरीज का परिणाम ठीक वैसा नहीं रहा जैसा वे चाहते थे, लेकिन ईसीबी अपनी नीति पर अड़ा हुआ है। भारत आईपीएल के अलावा हर साल 50 से अधिक मैच (सभी प्रारूपों को मिलाकर) खेलता है। ऐसे में BCCI को लगता है कि रोटेशन नीति की आवश्यकता है और नए नियुक्त मुख्य कोच भी इस विचार के साथ हैं।

IND vs NZ Series: बोर्ड के अधिकारी ने आगे कहा, “हम पिछले कुछ समय से रोटेशन नीति (Rotation Policy) पर चर्चा कर रहे हैं। राहुल के भी अपने विचार थे। लेकिन यह इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया या दक्षिण अफ्रीका जैसे महत्वपूर्ण दौरों पर लागू नहीं होगा। ये अहम सीरीज हैं और हमें पूरी टीम की जरूरत होगी। इसलिए, अगर खिलाड़ियों को छोटे देशों के खिलाफ घरेलू सीरीज और अन्य सीरीज में आवश्यकता महसूस होती है, तो उन्हें रोटेट करना महत्वपूर्ण होगा।”

New Zealand tour of India: रोटेशन नीति (Rotation Policy) पर निर्णय को ध्यान में रखते हुए यह आश्चर्यजनक था कि हनुमा विहारी को न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया था। लेकिन इनसाडस्पोर्ट को पता चला है कि चयनकर्ता और टीम प्रबंधन चोट के बाद उसके प्रदर्शन से खुश नहीं हैं। घरेलू क्रिकेट में उन्होंने उतना हासिल नहीं किया जितना चयनकर्ता चाहते थे। काउंटी में उनके नाम सिर्फ एक अर्धशतक था। क्रिकेट एक्सपर्ट और फैंस को लगा कि उन्हें न्यूजीलैंड के लिए टेस्ट टीम में होना चाहिए था। वहीं, बोर्ड के सदस्य चाहते थे कि वह अपनी क्षमता साबित करें और दक्षिण अफ्रीका सीरीज के लिए तैयार रहें।

India vs New Zealand: बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा, “देखिए, हनुमा विहारी एक अनुभवी खिलाड़ी हैं लेकिन उन्हें दोबारा बुलाए जाने से पहले खुद को साबित करने की जरूरत है। शुरुआत में, योजना उन्हें न्यूजीलैंड सीरीज के लिए बुलाने की थी लेकिन हमें लगा कि यह उनके लिए सही समय नहीं है। उन्हें कुछ और पारियों की जरूरत है। दक्षिण अफ्रीका ए का दौरा उनके लिए अहम होगा। वे वहां अभ्यस्त हो जाएंगे। अगर वह अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें बुलाया जा सकता है। लेकिन यह पूरी तरह से उसके प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। लाइन में अन्य खिलाड़ी भी हैं।”

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(Translated by Rohit Raj).

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