भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम ने बांग्लादेश पर 1-0 की जीत के साथ एशियन गेम्स के नॉकआउट स्टेज में पहुंचने की अपनी उम्मीदें कायम रखी हैं।
सुनील छेत्री के एकमात्र गोल की मदद से भारत ने बांग्लादेश को मात दी थी। उससे पहले अपने पहले मैच में भारत को चीन के हाथों 1-5 से करारी शिकस्त मिली थी। अब अगले राउंड में पहुंचने के लिए भारत को अपने अगले मैच में म्यामार के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करना होगा।
भारतीय टीम का नॉकआउट में पहुंचना क्यों है अहम?
भारतीय फुटबॉल टीम एशिया की टॉप-8 टीमों में भी नहीं है और इसीलिए खेल मंत्रालय फुटबॉल टीम को एशियन गेम्स में भेजने का इच्छुक नहीं था लेकिन टीम के काफी अनुरोध के बाद उन्हें जाने की इजाजत मिल गई थी। ढेरों लॉजिस्टिक्स समस्याएं, खिलाड़ियों की उपलब्धता और चोट की समस्या के बावडूद भारतीय फुटबॉल टीम एशियन गेम्स के नॉकआउट राउंड में पहुंचने की रेस में शामिल है।
पहले मैच में भारत को चीन से मिली थी करारी शिकस्त
फ्लाइट की यात्रा की थकान के बावजूद भारतीय टीम ने पहले हाफ में चीन को कड़ी टक्कर दी, जिमें राहुल केपी द्वारा किया गया गोल भी शामिल था। पहले हाफ में दोनों टीमों 1-1 से बराबरी पर थीं। लेकिन दूसरे हाफ में भारतीय खिलाड़ियों पर थकान हावी नजर आई और बेंच पर कोच इगोर स्टिमक की टीम ने दूसरे हाफ में चीन से 4 गोल खाए और मैच 1-5 से गंवा बैठी।
भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ की जोरदार वापसी
भारत ने अपने अगले मैच में वापसी करते हुए सुनील छेत्री के गोल की मदद से बांग्लादेश को 1-0 से हरा दिया। हालांकि इस मैच में भारतीय टीम पूरी लय में नहीं ननजर आई। गोलकीपर धीरज सिंह ने जरूर भारत के लिए कई अच्छे बचाव किए।
भारतीय फुटबॉल टीम कैसे कर सकती है एशियन गेम्स राउंड-16 के लिए क्वॉलिफाई?
6 ग्रुप में से हर एक ग्रुप से दो टॉप टीमें राउंड-16 यानी प्री-क्वॉर्टरफाइनल के लिए क्वॉलिफाई करेंगी, साथ ही तीसरे स्थान पर रहने वाली चार टॉप टीमें भी अगले दौर में पहुंचेंगी।
ऐसे में म्यांमार के खिलाफ जीत से भारतीय टीम नॉकआउट में जगह पक्की कर सकती है। भाग्य का साथ मिलने पर वे म्यांमार से मैच ड्रॉ रहने पर भी अगले राउंड में पहुंच सकते हैं।
सुनील छेत्री ने रचा एशियन गेम्स में इतिहास
39 वर्षीय सुनील छेत्री ने चीन के खिलाफ एशियन गेम्स 2023 के पहले मैच में उतरने के साथ इतिहास रच दिया।
वह दो एशियन गेम्स (2014, 2023) में अपनी टीम की कप्तानी करने वाले तीसरे भारतीय कप्तान बन गए। छेत्री से पहले ये उपबल्धि सैलेन मन्ना (1951, 1954) और बाइचुंग भूटिया (2002, 2006) ने ही हासिल की थी।
भारत ने एशियन गेम्स में फुटबॉल में जीते हैं दो गोल्ड मेडल
भारत ने एशियन गेम्स में फुटबॉल में अब तक गोल्ड मेडल जीते हैं। भारत ने एशियन गेम्स में फुटबॉल का पहला गोल्ड 1951 में कोच सैयद अब्दुल रहमान और कप्तान सैलेन मन्ना की अगुवाई में जीता था। भारत ने अपना दूसरा गोल्ड 1962 में फाइनल में साउथ कोरिया को हराकर जीता था। एशियन गेम्स में फुटबॉल में आखिरी मेडल भारत ने 1970 में ब्रॉन्ज मेडल के साथ जीता था।
भारत आखिरी बार 2010 एशियन गेम्स में राउंड-16 में पहुंचा था
भारत 2010 एशियन गेम्स के अपने पहले दो मैच कुवैत और कतर से हार गया था। लेकिन भारत ने सिंगापुर को 4-1 से हराते हुए वापसी की थी। भारतीय टीम तीसरे स्थान की टॉप-4 टीमों के तौर पर राउंड-16 में पहुंचा था। लेकिन प्री-क्वॉर्टर फाइनल में भारत को जापान के हाथों 5-0 से शिकस्त मिली। भारत 2014 एशियन गेम्स में अपने दोनों ग्रुप मैच हार गया था। भारत 2002 और 2006 एशियन गेम्स के नॉकआउट में पहुंचने में नाकाम रहा था।