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जब 7 साल की उम्र में पिता ने Ajinkya Rahane को ट्रेन में छोड़ दिया अकेला! रहाणे ने खुद सुनाया था किस्सा

जब 7 साल की उम्र में पिता ने Ajinkya Rahane को ट्रेन में छोड़ दिया अकेला! रहाणे ने खुद सुनाया था किस्सा

जब 7 साल की उम्र में पिता ने Ajinkya Rahane को ट्रेन में छोड़ दिया अकेला, रहाणे ने खुद सुनाया था किस्सा
जब 7 साल की उम्र में पिता ने Ajinkya Rahane को ट्रेन में छोड़ दिया अकेला, रहाणे ने खुद सुनाया था किस्सा: भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे आज अपना 33वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं. वह इस समय भारतीय टीम के साथ इंग्लैंड में हैं, और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की तैयारियों […]

जब 7 साल की उम्र में पिता ने Ajinkya Rahane को ट्रेन में छोड़ दिया अकेला, रहाणे ने खुद सुनाया था किस्सा: भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे आज अपना 33वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं. वह इस समय भारतीय टीम के साथ इंग्लैंड में हैं, और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की तैयारियों में जुटे हुए हैं. वह टेस्ट टीम के महत्वपूर्ण प्लेयर है. अजिंक्य रहाणे के पास आज सबकुछ है, वह बड़ी और महंगी गाड़ी खरीदने में सक्षम है. लेकिन एक समय ऐसा था जब अजिंक्य रहाणे प्रैक्टिस के बाद ऑटो रिक्शा में भी नहीं जा पाते थे, उन्हें पैदल ही घर जाना पड़ता था. India Today के एक शो में पिछले साल अजिंक्य रहाणे के अपने पिता से जुड़ा किस्सा सुनाया था, कि कैसे उनके पिता ने उन्हें 7 साल की उम्र में ट्रेन में अकेले सफर करने के लिए कह दिया था.

इंडिया टुडे के इस शो में अजिंक्य रहाणे ने बताया था कि, मां हमेशा उनके साथ क्रिकेट ट्रेनिंग के लिए जाया करती थी, वही उनका क्रिकेट किट बैग उठाती थी, यानी कह सकते हैं कि अजिंक्य रहाणे के सपने को पूरा करने में उनकी मां ने हरसमंभव प्रयास किया. वहीं उन्होंने बताया था कि वह ट्रेनिंग के बाद थक जाते थे, और ऑटो रिक्शा में जाने की बात मां से कहते थे, लेकिन हमारे पास इतने पैसे होते थे कि रोजाना ऑटो रिक्शा से आ जा सके. इसलिए मां हफ्ते में एक दिन ऑटो रिक्शा में लेकर जाती थी.

इसी शो में अजिंक्य रहाणे ने पिता से जुड़ा एक किस्सा सुनाया था, उन्होंने बताया था कि वह 7 साल की उम्र में ट्रेन से जाने लगे थे, पहले दिन तो उनके पिता उनके साथ CST तक गए और उन्हें अकादमी छोड़कर ऑफिस चले गए. लेकिन अगले दिन उन्होंने मुझसे कहा, अब तुम्हे अकेले ही जाना होगा. उन्होंने मुझे स्टेशन पर अकेले छोड़ दिया, मैं अकेले ट्रेन में बैठ गया लेकिन बाद मैं मुझे पता चला कि पिता मेरे साथ इसी ट्रेन में हैं. वह अलग कम्पार्टमेंट में चढ़ गए थे. उन्होंने मुझे CST तक फॉलो किया, देखने के लिए कि मैं अकेला जा सकता हूं या नहीं. और जब उन्हें लगने लगा कि मैं अकेले जा सकता हूं, तब उन्होंने मुझे अकेले जाने दिया.

 

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उन्होंने अपने सफल क्रिकेट करियर के पीछे अपने माता पिता की मेहनत को बताते हुए कहा, मैं उनके बलिदानों को कभी नहीं भूलूंगा. उन्होंने मुझसे कभी मेरे प्रदर्शन को लेकर नहीं पूछा, उन्होंने मेरा हमेशा साथ दिया.

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