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Yashpal Sharma को क्राइसिस मैन कहते थे सुनील गावस्कर, जानिए भारत को पहली बार विश्व विजेता बनाने वाले बल्लेबाज के बारे में 10 दिलचस्प बातें

Yashpal Sharma को क्राइसिस मैन कहते थे सुनील गावस्कर, जानिए भारत को पहली बार विश्व विजेता बनाने वाले बल्लेबाज के बारे में 10 दिलचस्प बातें

Yashpal Sharma भारत को पहली बार विश्व विजेता बनाने वाले बल्लेबाज
Yashpal Sharma को क्राइसिस मैन कहते थे सुनील गावस्कर, जानिए भारत को पहली बार विश्व विजेता बनाने वाले बल्लेबाज के बारे में 10 दिलचस्प बातें- भारत के पूर्व क्रिकेटर यशपाल शर्मा का निधन हो गया है। उनके निधन के बाद क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई। भारत ने साल 1983 में पहली बार […]

Yashpal Sharma को क्राइसिस मैन कहते थे सुनील गावस्कर, जानिए भारत को पहली बार विश्व विजेता बनाने वाले बल्लेबाज के बारे में 10 दिलचस्प बातें- भारत के पूर्व क्रिकेटर यशपाल शर्मा का निधन हो गया है। उनके निधन के बाद क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई। भारत ने साल 1983 में पहली बार वेस्टइंडीज को हराकर विश्व कप जीता तो यशपाल उस टीम का हिस्सा थे। आईए आपको उनके बारे में 10  दिलचस्प बातें बताते हैं।

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2. यशपाल शर्मा अलग ही तरीके से बात करते थे। उनके टीम के कई खिलाड़ियों को उनका एक्सेंट समझ नहीं आता था। उनके बारे में अंशुमन गायकवाड़ ने एक मजेदार किस्सा सुनाया था। यशपाल एक बार चिल्लाते हुए ड्रेसिंग रूम में भागे और पेट में जलन की शिकायत की। उन्होंने कहा- एसटीडी (STD) हो गया है। ये मुझे पहले कभी नहीं हुआ है। [ I m down with STD. This has never happened to me before. ] गायकवाड़ को यह समझने में थोड़ा समय लगा कि वो एसिडिटी कहना चाहते हैं।

3. यशपाल (Yashpal Sharma) भारतीय क्रिकेटर चेतन शर्मा के चाचा थे। वो अपने भतीजे से करीब 12 साल बड़े थे। दोनों ने साथ में दो वनडे मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और उनमें से एक मैच में यशपाल शर्मा ने इंग्लैंड के ग्रीम फाउलर का कैच चेतन शर्मा की गेंद पर लपका था।

4. 1972 में जम्मू-कश्मीर के स्कूल और पंजाब स्कूल के बीच हुए मैच में यशपाल शर्मा (Yashpal Sharma) ने पंजाब के लिए खेलते हुए शानदार 260 रनों की पारी खेली। उनकी इस शानदार पारी की हर तरफ चर्चा हुई। इस पारी के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ के नहीं देखा। वो जल्द ही पंजाब विश्वविद्यालय में पहुंच गए। जहां उन्होंने 139 रनों की पारी खेली और सबको प्रभावित किया। अक्टूबर 1973 में 19 साल की उम्र में उन्होंने रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया। जालंधर में सर्विसेज के खिलाफ इस मैच की दूसरी पारी में उन्होंने मोहिंदर अमरनाथ के साथ नाबाद 169 रनों की साझेदारी निभाई। यशपाल 60 रन बनाकर नाबाद रहे।

5. 1977 में कमाल का प्रदर्शन करने के बाद भी राष्ट्रीय चयनकर्ताओं द्वारा उनको लेकर अनदेखी की गई। इससे निराश यशपाल ने अगले सत्र में और भी शानदार बल्लेबाजी की। उन्होंने 76.20 के औसत से 762 रन बनाए और उन्हें भारतीय क्रिकेटर ऑफ द ईयर चुना गया।

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7. भारत के इस पूर्व दिग्गज खिलाड़ी ने अपने सातवें टेस्ट मैच में अपना पहला टेस्ट शतक बनाया था। यह मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिल्ली में खेला गया था। अगले टेस्ट में उन्होंने ईडन गार्डन्स में भारत को लगभग जीत दिला दी थी। जीत के लिए 247 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम के लिए यशपाल ने 117 गेंदों पर 85 रन बना दिए थे। खराब रोशनी के कारण मैच रोकना पड़ा। भारत उस समय चार विकेट पर 200 रन बना चुका था।

8. इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में विश्वनाथ और यशपाल शर्मा ने भारत के लिए तीसरे विकेट के लिए 316 रन जोड़ दिए थे। ये उस समय भारत के लिए तीसरे विकेट की सबसे बड़ी साझेदारी थी। मैच में गुंडप्पा विश्वनाथ ने दोहरा शतक और यशपाल शर्मा ने 140 रन बनाए थे। ये मैच ड्रॉ रहा था।

9. विश्व कप 1983 के नायक: भारत के लिए विश्व कप अभियान का पहला मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ था। इस मैच में जब यशपाल शर्मा (Yashpal Sharma) बल्लेबाजी करने आए तो भारत के 76 रन पर तीन विकेट गिर गए थे। कुछ देर में 141 रन पर पांच विकेट हो गए। इसके बाद यशपाल ने 120 गेंदों में 89 रनों की शानदार पारी खेली। उन्होंने वेस्टइंडीज पर 34 रनों की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके आक्रामक 40 रन और इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में 61 रनों की पारी ने भारत को पहली बार विश्व विजेता बनाने में बड़ा योगदान दिया था।

10. यशपाल 2003 और 2006 के बीच राष्ट्रीय चयनकर्ता थे। वह उस समय के तत्कालीन कोच ग्रेग चैपल के खिलाफ बोलते थे और सौरव गांगुली का समर्थन करते थे। बाद में वह 2008 में फिर से राष्ट्रीय चयनकर्ता बने। इससे पहले वह उत्तर प्रदेश रणजी टीम के कोच भी रह चुके थे।

अंग्रेजी में पढ़ें: Yashpal Sharma passes away: Sunil Gavaskar tagged Yashpal Sharma a ‘Crisis Man,’ know 10 such anecdotes from 1983 World Cup Winner’s life

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