Asian Games 2022: टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympic) में बैडमिंटन में भारत को स्वर्ण पदक (Gold Medal) दिलाने वाले प्रमोद भगत (Pramod Bhagat) ने कहा कि पद्मश्री अवार्ड (Padma Shri Award) उन्हें एशियाई खेलों (Asian Games) में गोल्ड मेडल (Gold Medal) जीतने के लिए प्रेरित करेगा। पैरा शटलर (Para Shuttler) प्रमोद भगत ने कहा कि यह पुरस्कार उन्हें एशियाई खेलों (Asian Games) के प्रशिक्षण में और अधिक मेहनत करने के साथ अतिरिक्त प्रयास करने के लिए प्रेरित करेगा। भगत को 73वें गणतंत्र दिवस के पूर्व संध्या पर पद्मश्री के लिए नामित किया गया। उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympic) में बैडमिंटन के पुरुष सिंगल्स एसएल3 फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के वर्ल्ड नंबर-2 डेनियल बेथेल को 21-14, 21-17 से हराकर स्वर्णिम सफलता हासिल की थी। खेल की ताजा खबरों के लिए जुड़े रहिए- hindi.insidesport.in
Honoured with Padma Shri Award ?@sports_odisha | @Media_SAI | @ParalympicIndia #PadmaShri #PramodBhagat #paris? pic.twitter.com/Ks7G7T3a6s
— Pramod Bhagat (@PramodBhagat83) January 25, 2022
Asian Games 2022: और अधिक प्रयास करने के लिए उत्साहित करेगा
प्रमोद भगत (Pramod Bhagat) ने एक बयान में कहा कि पद्मश्री पुरस्कार (Padma Shri Award) से सम्मानित होना गर्व की बात है और यह मुझे अपने देश के लिए और अधिक सम्मान अर्जित करने के लिए प्रेरित करेगा। विश्व नं-1 पैरा शटलर ने कहा कि यह मुझे इस वर्ष होने वाले एशियाई खेलों और विश्व चैंपियनशिप में प्रशिक्षण के अलावा और अधिक प्रयास करने के लिए प्रेरित करेगा। भगत प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी बन गए हैं। वह एशियाई खेलों और विश्व चैंपियनशिप के लिए स्पेन में प्रशिक्षण में व्यस्त हैं।
2006 में एशियन पैरा बैडमिंटन में रहा शानदार प्रदर्शन
स्वर्ण पदक विजेता प्रमोद भगत का जन्म ओडिशा के बरगढ़ जिले के अट्ताबीर गांव में 4 जून 1989 को हुआ था। दुर्भाग्य से बचपन में ही वह पोलिया का शिकर हो गए। हालांकि, उन्हें बैडमिंटन खेल में काफी दिलचस्पी थी. पैसों की कमी के कारण वह एक शटल खरीद कर उससे कई दिनों तक खेलते थे। प्रमोद भगत ने सबसे पहले 2006 में एशियन पैरा बैडमिंटन खेल में शानदार प्रदर्शन देकर मेडल अपने नाम किया।