Israel-Palestine conflict: इजराइल में बमबारी के बीच फंसे भारतीयों का मसीहा बना एक क्रिकेट क्लब- दक्षिणी इजराइली शहर बेर्शेबा में एक क्रिकेट क्लब नेगेव दक्षिणी क्षेत्र में स्थित बेन-गुरियन विश्वविद्यालय के कई भारतीय शोधकर्ताओं के बचाव में आया है, जो एक उचित आश्रय के लिए संघर्ष कर रहे थे. देश के दक्षिण में पिछले एक सप्ताह से लगातार हो रहे रॉकेटों की बारिश के कारण पूरी तरह से घेराबंदी से बंद है.
बेर्शेबा क्रिकेट क्लब की इमारत, विश्वविद्यालय के करीब एक दो मंजिला संरचना है और वास्तव में एक भूमिगत मंजिल के साथ एक आश्रय गाह भी बना हुआ है. इजरायल के दक्षिणी क्षेत्रों पर फिलिस्तीनी आतंकवादियों की ओर से शुरू किए गए रॉकेट हमलों के तुरंत बाद इन्होंने स्थानीय निवासियों के लिए अपना दरवाजे खोले दिए और संकट के समय में सुरक्षा के लिए उचित जगह की तलाश में विश्वविद्यालय में भारतीय शोधकर्ताओं के प्रति दया दिखाकर उनकी मदद की.
बेर्शेबा क्रिकेट क्लब के अध्यक्ष नाओर गुडकर ने कहा, “कुछ भारतीय शोधकर्ता क्रिकेट क्लब के लिए भी खेलते हैं और हमारे परिवार के हिस्से की तरह हैं. लेकिन हमने उनसे कहा कि सुरक्षित आश्रय की तलाश करने वाला कोई भी व्यक्ति हमारी सुविधा का उपयोग करने के लिए स्वागत है.”
उन्होंने कहा, “पिछले सप्ताह के दौरान कई भारतीय शोधकर्ता हमारे साथ रहे हैं, दोनों लड़के और लड़कियां, और हमने उन्हें हर संभव मदद देते हुए चीजों को आरामदायक बनाने की कोशिश की है.”
नाओर ने कहा, “उनमें से कुछ को सुरक्षा नियमों की पूरी जानकारी नहीं है और मैंने और मेरे सहयोगियों ने उन्हें सुरक्षित रखने के लिए बरती जाने वाली सभी सावधानियों से अवगत कराने की कोशिश की है.”
क्लब के सदस्य बारी-बारी से शिफ्ट में मदद में भाग ले रहे हैं और सुरक्षित घरों की तलाश कर रहे स्थानीय निवासियों, विदेशियों ज्यादातर भारतीय शोधकर्ताओं की देखभाल कर रहे हैं.
विराज भिंगारदिवे, हीना खंड, शशांक शेखर, रुद्रारू सेनगुता और विष्णु खंड, कुछ डॉक्टरेट और पोस्ट-डॉक्टोरल फेलो, ने इन कठिन और महत्वपूर्ण समय के दौरान क्लब में शरण लेते हुए मेजबानों की उदारता और इसके प्रबंधन के प्रति आभार व्यक्त किया है.
उनमें से ज्यादातर ने पीटीआई से कहा, “हम यहां सो सकते हैं, यह जानते हुए कि हम सुरक्षित हैं.” उन्होंने कहा, “पिछले सोमवार से एक भी रात शांत नहीं रही है.”
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