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ICC WTC Final: ‘प्लेइंग 11 में न आने के बाद अभी भी मयंक अग्रवाल मेंटल ब्लॉक से उबर रहे हैं’

ICC WTC Final: ‘प्लेइंग 11 में न आने के बाद अभी भी मयंक अग्रवाल मेंटल ब्लॉक से उबर रहे हैं’

ICC WTC Final: ‘प्लेइंग 11 में न आने के बाद अभी भी मयंक अग्रवाल मेंटल ब्लॉक से उबर रहे हैं’
ICC WTC Final: ‘प्लेइंग 11 में न आने के बाद अभी भी मयंक अग्रवाल मेंटल ब्लॉक से उबर रहे हैं’ : साल 2018 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय ओपनर मयंक अग्रवाल एक घरेलू नाम बन चुके थे, उन्होंने दो बार 70 से ज्यादा रन बनाए थे. लेकिन बीते हुए ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर टेस्ट सीरीज में […]

ICC WTC Final: ‘प्लेइंग 11 में न आने के बाद अभी भी मयंक अग्रवाल मेंटल ब्लॉक से उबर रहे हैं’ : साल 2018 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय ओपनर मयंक अग्रवाल एक घरेलू नाम बन चुके थे, उन्होंने दो बार 70 से ज्यादा रन बनाए थे. लेकिन बीते हुए ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर टेस्ट सीरीज में कर्नाटक के इस बल्लेबाज ने प्लेइंग 11 में अपनी जगह खो दी थी क्योंकि शुभमन गिल ने ओपनिंग की थी. अब विराट कोहली के नेतृत्व वाली भारतीय टीम आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप और उसके बाद पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने के लिए इंग्लैंड जा रही है. ऐसे में मयंक अग्रवाल के कोच आरएक्स मुरली ने कहा है कि मयंक अभी भी अपना आत्मविश्वास वापस पाने के लिए मानसिक पहलू पर काम कर रहे हैं.

InsideSport से की खास बातचीत में आरएक्स मुरली ने कहा, “यह सब मानसिकता के बारे में है. मेल नहीं खाने पर आप अचानक अपने मन में संदेह पैदा करने लगते हैं. यह आपको पूरी तरह से एक अलग मोड़ पर ले जाता है और आप एक बार बनाई गई मानसिक प्रक्रिया से पूरी तरह से बाहर हो जाते हैं. यह आपको एक ऐसी स्थिति में ले जाता है जब आप हर चीज पर संदेह करने लगते हैं. ऐसा ही मयंक के साथ हुआ.”

मयंक ने 2018 में सीरीज में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनके ही घर में अर्धशतक, घरेलू मैदान में प्रोटीज के खिलाफ दोहरा शतक और घरेलू मैदान में ही बांग्लादेश के खिलाफ एक और दोहरा शतक बनाया था. लेकिन बीते आठ टेस्ट मैचों में वे रन नहीं बना पा रहे. उन्होंने बीती आठ पारियों में सिर्फ 88 रन बनाए और उनका इनमें सर्वश्रेष्ठ स्कोर 38 था. 2018 ऑस्ट्रेलियाई सीरीज और 2020 ऑस्ट्रेलियाई सीरीज के बीच का अंतर उनकी मानसिकता थी.

घरेलू सत्र में वे 2000 से ज्यादा रन बना कर आ रहे हैं लेकिन दिसंबर 2020 में उन्होंने अपनी लय खो दी थी. मुरली ने इस बारे में कहा, “प्रत्येक विदेशी दौरे के लिए एक बल्लेबाज को कुछ समायोजन करने की आवश्यकता होती है. उदाहरण के लिए, ऑस्ट्रेलिया में पिचों पर ज्यादा बाउंस होता है जबकि इंग्लैंड में गेंद धीमी चलती है. इसलिए, हमने जिस पर काम किया है वह उसकी फुर्ती है.”

मुरली ने आगे कहा, “एक खिलाड़ी में बहुत चिंता होती है. खेलों में सफलता से ज्यादा असफलताएं होती हैं. जब आप असफल होने के बारे में चिंतित होते हैं और जानते हैं कि बहुत प्रतिस्पर्धा है और यदि आप प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो आप बाहर हो जाते हैं, यह और भी बढ़ जाता है. एक विफलता चिंता को बढ़ा देती है और वह बड़ी और बड़ी हो जाती है और आप पूरी तरह से इस प्रक्रिया से बाहर हो जाते हैं. ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बाद उन्होंने मानसिक पहलू पर काम किया और आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन किया.”

ऑस्ट्रेलिया में उनकी विफलता और शुभमन गिल की सफलता का मतलब था कि मयंक अग्रवाल को बेंच पर बैठाना. पंजाब किंग्स के लिए आईपीएल 2021 में पहले दो मैचों में खराब प्रदर्शन था लेकिन फिर उन्होंने दिल्ली के खिलाफ 69 रन बनाए और उन्हीं के खिलाफ नाबाद 99 रन बनाए. इससे मयंक को लय वापस लाने मदद मिली.

“उसके पास तकनीक है. उसे बस आत्मविश्वास की जरूरत है. आईपीएल के प्रदर्शन ने निश्चित रूप से उनके आत्मविश्वास को काफी हद तक बढ़ाया है. आईपीएल से पहले हमने मानसिक पहलुओं पर काम किया और यह टूर्नामेंट में सफल रहा. हम बेंगलुरु में चल रहे लॉकडाउन के कारण शारीरिक रूप से तैयारी नहीं कर सके. ये मयंक ही नहीं बल्कि सभी के लिए एक बड़ा चिंता का विषय है. आईपीएल के बाद से उन्बोंने बल्ला नहीं छुआ.” मुरली ने कहा.

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