Tokyo Olympics Boxing: सेमीफाइनल में बुसेनाज से हारी Lovlina Borgohain, कांस्य पदक से करना पड़ा संतोष

Tokyo Olympics Boxing: सेमीफाइनल में बुसेनाज से हारी Lovlina Borgohain, कांस्य पदक से करना पड़ा संतोष- भारत की स्टार मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन…

Tokyo Olympics Boxing: सेमीफाइनल में बुसेनाज से हारी Lovlina Borgohain, कांस्य पदक से करना पड़ा संतोष
Tokyo Olympics Boxing: सेमीफाइनल में बुसेनाज से हारी Lovlina Borgohain, कांस्य पदक से करना पड़ा संतोष

Tokyo Olympics Boxing: सेमीफाइनल में बुसेनाज से हारी Lovlina Borgohain, कांस्य पदक से करना पड़ा संतोष- भारत की स्टार मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन (Lovlina Borgohain) को बुधवार को महिला वेल्टरवेट वर्ग (69 किग्रा) के सेमीफाइनल में तुर्की की मौजूदा विश्व चैंपियन बुसेनाज सुरमेनेली (Busenaz Surmeneli) के खिलाफ शिकस्त के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। इसके साथ ही टोक्यो ओलंपिक में भारतीय मुक्केबाजों का अभियान एक कांस्य पदक के साथ खत्म हुआ।

ओलंपिक में पदार्पण कर रही विश्व चैंपियनशिप की दो बार की कांस्य पदक विजेता लवलीना के खिलाफ बुसेनाज ने शुरुआत से ही दबदबा बनाया और सर्वसम्मति से 5-0 से जीत दर्ज करने में सफल रही। टोक्यो खेलों में यह भारत का तीसरा पदक है। इससे पहले भारोत्तोलन में मीराबाई चानू ने रजत जबकि बैडमिंटन में पीवी सिंधू ने कांस्य पदक जीता। लवलीना का पदक पिछले नौ वर्षों में भारत का ओलंपिक मुक्केबाजी में पहला पदक है।

Tokyo Olympics Boxing: असम की मुक्केबाज को कई चेतावनियों के बावजूद रैफरी के निर्देश नहीं मानने के लिए दूसरे दौर में एक अंक की कटौती का सामना भी करना पड़ा। लवलीना ने हार के बाद पीटीआई से कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि मुझे क्या कहना चाहिए। मैंने जो योजना बनाई थी उसे लागू नहीं कर पाई। मैं इससे बेहतर कर सकती थी।’’

लवलीना ओलंपिक मुक्केबाजी प्रतियोगिता फाइनल में जगह बनाने वाली पहली भारतीय मुक्केबाज बनने के लिए चुनौती पेश कर रही थी लेकिन विश्व चैंपियन बुसेनाज ने उनका सपना तोड़ दिया। भारतीय मुक्केबाज के पास तुर्की की खिलाड़ी के दमदार मुक्कों और तेजी का कोई जवाब नहीं था। इस बीच हड़बड़ाहट में भी लवलीना ने गलतियां की।

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Tokyo Olympics Boxing: लवलीना हालांकि क्वार्टर फाइनल में चीनी ताइपै की पूर्व विश्व चैंपियन नीन चिन चेन को हराकर पहले ही पदक पक्का करके इतिहास रच चुकी थी। असम की 23 वर्षीय लवलीना ने विजेंदर सिंह (बीजिंग 2008) और एमसी मैरीकोम (लंदन 2012) की बराबरी की। विजेंदर और मैरीकोम दोनों ने कांस्य पदक जीते थे।

Lovlina Borgohain vs Busenaz Surmeneli- तुर्की की 23 साल की मुक्केबाज बुसेनाज 2019 चैंपियनशिप में विजेता रही थी जबकि उस प्रतियोगिता में लवलीना को कांस्य पदक मिला था। तब इन दोनों के बीच मुकाबला नहीं हुआ था। भारत का कोई पुरुष मुक्केबाज क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाया था। क्वार्टर फाइनल में पहुंचे सतीश कुमार (91 किग्रा से अधिक) को विश्व चैंपियन बकोहोदिर जलोलोव के खिलाफ शिकस्त झेलनी पड़ी थी। चार अन्य पुरुष मुक्केबाज पहले दौर में ही हार गए थे।

Lovlina Borgohain vs Busenaz Surmeneli- महिला वर्ग में भारत की अन्य मुक्केबाजों में छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरीकोम (51 किग्रा) को प्री क्वार्टर फाइनल जबकि पूजा रानी (75 किग्रा) को क्वार्टर फाइनल में शिकस्त झेलनी पड़ी थी।

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