हरियाणा और पंजाब ने ओलंपिक में अपने खिलाड़ी भेजने के अपने रिकॉर्ड में एक बार फिर से इजाफा किया है. ये दोनों राज्य ऐसे हैं जहां से देश में सबसे ज्यादा ओलंपियन निकलते हैं. इन राज्यों की जनसंख्या, देश की आबादी की केवल 4.4 प्रतिशत है, लेकिन इन दोनों राज्यों ने कुल मिलाकर 50 एथलीट टोक्यो के लिए भेजे हैं. हरियाणा ने 31 एथलीट जो कि ओलंपिक दल का करीब 25 प्रतिशत है जबकि पंजाब की तरफ से 19 खिलाड़ी ओलंपिक खेलों में भाग ले रहे हैं .
इन दोनों राज्यों के बाद नाम आता है तमिलनाडु का जहां से इस बार 11 एथलीट टोक्यो गए हैं जो कि देश से ओंलपिक दल का 8.7 प्रतिशत है. इसके बाद अगर टॉप पांच राज्यों की बात करें तो केरला और यूपी का नाम आता है, जहां से 8 -8 एथलीट टोक्यो 2020 खेलों में भाग ले रहे हैं. उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है जहां की जनसंख्या देश की कुल आबादी की 17 प्रतिशत है और ओलंपिक दल में संख्या के हिसाब से योगदान 6.3 प्रतिशत है, जबकि केरला की जनसंख्या देश की कुल आबादी का 2.6 प्रतिशत है और ओलंपिक में इस राज्य से भी 6.3 प्रतिशत खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया है.
आपको बता दें कि भारतीय एथलीटों को मेडल जीतने पर अमेरिका सहित कई दूसरे देशों की तुलना में मिलेंगे ज्यादा रुपए, टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने वाले भारतीय एथलीट इस बार ओलंपिक पदक जीतकर बड़ा नकद पुरस्कार कमा सकते हैं. विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा घोषित नकद पुरस्कार 25 लाख से 6 करोड़ तक हैं और यह भारतीयों को दुनिया भर में सबसे अधिक पुरस्कृत खिलाड़ी बनाने वाला है.
भारतीय दल से ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले एथलीटों को 25 लाख से रु. 6 करोड़ का नकद पुरस्कार मिलेगा. हरियाणा, यूपी, ओडिशा और चंडीगढ़ के खिलाड़ियों को ये नकद पुरस्कार मिलने की बात की गई है. यहां के खिलाड़ियों को गोल्ड के लिए 6 करोड़ और ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर 2.5 करोड़ रुपये मिलेंगे.