सुशील कुमार ने टोल कारोबार से रखा था अपराध की दुनिया में कदम, गैंगस्टर से की थी पार्टनरशिप, जानिए पहलवान का पूरा क्राइम टाइमलाइन

सुशील कुमार ने टोल कारोबार से रखा था अपराध की दुनिया में कदम, गैंगस्टर से की थी पार्टनरशिप, जानिए पहलवान का पूरा…

सुशील कुमार ने टोल कारोबार से रखा था अपराध की दुनिया में कदम
सुशील कुमार ने टोल कारोबार से रखा था अपराध की दुनिया में कदम

सुशील कुमार ने टोल कारोबार से रखा था अपराध की दुनिया में कदम, गैंगस्टर से की थी पार्टनरशिप, जानिए पहलवान का पूरा क्राइम टाइमलाइन – दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार के कुख्यात गैंगस्टरों के साथ संबंधों के बारे में दिल्ली पुलिस और यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को लंबे समय से जानकारी थी. वास्तव में एक अधिकारी ने मीडिया ग्रुप इंडिया टुडे को बताया है कि सुशील कुमार का पतन निश्चित था.

37 वर्षीय पहलवान सबसे पहले अपराधियों के संपर्क में तब आए जब उन्हें टोल बूथ चलाने का ठेका मिला. सुशील इस बात से वाकिफ थे कि टोल कारोबार चलाने के लिए बाहुबल और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों की जरूरत होती है. इसी वजह से वह खूंखार गैंगस्टर सुंदर भाटी के भतीजे अनिल भाटी के संपर्क में आए. उस समय अनिल पर पहले से ही हत्या और अन्य मामले दर्ज थे.

यूपी एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि 2017 में ग्रेटर नोएडा में शिव कुमार नाम के एक बीजेपी नेता की हत्या कर दी गई थी. जांच के दौरान टोल पर काम करने वाले तीन लोगों को मामले में गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने अनिल के निर्देश पर नेता की हत्या की थी. जांच के दौरान पुलिस को सुशील कुमार के अनिल भाटी के साथ संबंधों के बारे में पता चला, हालांकि, उसके अपराध में शामिल होने का कोई सबूत सामने नहीं आया.

टोल पर काम करने वाले लड़के बड़े कारोबारियों से फिरौती लेते थे, लोगों को लूटते थे और लोगों की हत्या करते थे. कई नापाक आरोपों के बाद सुशील को अपना टोल कारोबार बंद करना पड़ा.

पुलिस के मुताबिक, सुशील कुमार ने टोल कारोबार में शामिल होने के बाद विकास लगरपुरिया और मंजीत महल जैसे गैंगस्टरों के साथ संबंध बनाए. बाद में वह वॉन्टेड गैंगस्टर काला जत्थेडी और नीरज बवाना के संपर्क में आया.

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच सागर राणा हत्याकांड की जांच कर रही है, वहीं स्पेशल सेल की कई टीमें अपराधियों के साथ सुशील के पार्टनरशिप के बारे में पता लगाने में लगी हैं.

सागर राणा हत्याकांड में गिरफ्तार होने के बाद सुशील को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. रोहिणी कोर्ट ने हिरासत को 4 दिन और बढ़ा दिया है.

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