बॉक्सिंग में प्रथम द्रोणाचार्य पुरुस्कार पाने वाले कोच ओपी भरद्वाज का निधन, 10 दिन पहले पत्नी की हुई थी मौत

बॉक्सिंग में प्रथम द्रोणाचार्य पुरुस्कार पाने वाले कोच ओपी भरद्वाज का निधन, 10 दिन पहले पत्नी की हुई थी मौत: भारतीय खेल…

बॉक्सिंग में प्रथम द्रोणाचार्य पुरुस्कार पाने वाले कोच ओपी भरद्वाज का निधन, 10 दिन पहले पत्नी की हुई थी मौत
बॉक्सिंग में प्रथम द्रोणाचार्य पुरुस्कार पाने वाले कोच ओपी भरद्वाज का निधन, 10 दिन पहले पत्नी की हुई थी मौत

बॉक्सिंग में प्रथम द्रोणाचार्य पुरुस्कार पाने वाले कोच ओपी भरद्वाज का निधन, 10 दिन पहले पत्नी की हुई थी मौत: भारतीय खेल जगत से जुड़ी आज एक और बुरी खबर आई, मुक्केबाजी में भारत के पहले द्रोणाचार्य पुरूस्कार पाने वाले कोच ओपी भरद्वाज का निधन हो गया. ओपी भारद्वाज काफी समय से बीमार लड़ रहे थे, और उम्र सम्बन्धी परेशानियों से भी परेशान थे. ओपी भारद्वाज 82 की उम्र 82 वर्ष थी, आपको बता दें कि 10 दिन पहले उनकी पत्नी का भी निधन हो गया था. उनकी मौत भी बिमारी के चलते ही हुई थी.

भारद्वाज को 1985 में द्रोणाचार्य पुरस्कार शुरू किये जाने पर बालचंद्र भास्कर भागवत (कुश्ती) और ओ एम नांबियार (एथलेटिक्स) के साथ प्रशिक्षकों को दिये जाने वाले इस सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. पूर्व मुक्केबाजी कोच और भारद्वाज के परिवार के करीबी मित्र टी एल गुप्ता ने कहा, स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों के कारण वह पिछले कई दिनों से अस्वस्थ थे, और अस्पताल में भर्ती थे. उम्र संबंधी परेशानियां भी थी और साथ में 10 दिन पहले अपनी पत्नी के निधन से भी उन्हें काफी ज्यादा दुख पहुंचा था. भारद्वाज 1968 से 1989 तक भारतीय राष्ट्रीय मुक्केबाजी टीम के कोच थे, और वह राष्ट्रीय चयनकर्ता भी रहे.

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उनके कोच रहते हुए भारतीय मुक्केबाजों ने एशियाई खेल, राष्ट्रमंडल खेल और दक्षिण एशियाई खेलों में पदक जीते. कोच ओपी भारद्वाज ने 2008 पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे और वर्तमान में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को भी दो महीने तक मुक्केबाजी के गुर सिखाये थे.

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