Sunil Chhetri का विकल्प पूछे जाने पर कोच Igor Stimac ने कहा, राष्ट्रीय टीम खिलाड़ी पैदा करने की फैक्टरी नहीं है – राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के मुख्य कोच इगोर स्टीमाक ने राष्ट्रीय स्तर पर अच्छे फुटबॉलरों के अभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए इंडियन सुपर लीग (ISL) और आई लीग (I-League) से सुनील छेत्री जैसे खिलाड़ियों को तैयार करने में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया.
भारत के पास अच्छे स्ट्राइकरों के अभाव का सबूत कतर में खेले गए विश्व कप क्वालीफायर (FIFA World Cup Qualifiers) मैचों में स्पष्ट रूप से सामने आया. भारत उम्रदराज छेत्री (Sunil Chhetri) पर जरूरत से ज्यादा निर्भर रहा. उन्होंने बांग्लादेश के विरुद्ध दो गोल किए जिससे भारत अपनी एकमात्र जीत दर्ज करने में सफल रहा.
भारत के 2023 एशियाई कप (Asian Cup) के अंतिम क्वालीफाइंग राउंड में जगह बनाने के बाद स्टिमक से वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में अगले छेत्री के बारे में पूछे जाने पर उल्टे सवाल दाग दिए. उन्होंने कहा, “आपको क्या लगता है कि भारत में कौन सा खिलाड़ी छेत्री की जगह ले सकता है? क्या आपको कोई ऐसा खिलाड़ी नजर आता है जो सेंटर फॉरवर्ड के रूप में अहम भूमिका निभा सके?.”
उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय टीम को क्लबों से निकले खिलाड़ियों का फायदा मिलना चाहिए. राष्ट्रीय टीम कोई अकादमी नहीं है. हम खिलाड़ी पैदा करने की फैक्टरी नहीं हैं.”
स्टिमक ने कहा कि टीम को उन कमजोरियों का सामना करना पड़ रहा है जो देश की टॉप लीग आईएसएल (Indian Super League) में दृष्टिगोचर होती हैं.
उन्होंने कहा, “हम उन्हीं खिलाड़ियों का उपयोग कर सकते हैं जो हमें आईएसएल, आई-लीग या भारत की अन्य छोटी लीगों से मिलते हैं. राष्ट्रीय टीम के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं. लेकिन हम उस (छेत्री) जैसा खिलाड़ी कहां खोजें?.”
उन्होंने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो तकनीकी दक्षता रखने वाले खिलाड़ी बहुत अधिक नहीं हैं.”
?️ @stimac_igor: The search for more technical footballers continues ?
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— Indian Football Team (@IndianFootball) June 18, 2021
स्टिमक ने कहा, “अधिकतर टीमों में प्रमुख स्थानों पर विदेशी खिलाड़ी खेलते हैं. इसलिए खिलाड़ियों के चयन के लिए हमारा आधार बेहद सीमित है. और यह आसान नहीं है. जब हम भारतीय खिलाड़ियों का चयन करते हैं तो हमारे पास बहुत कम विकल्प होते हैं.”
स्टिमक ने कार्यकाल हाल में सितंबर तक बढ़ाया गया था. उन्होंने आईएसएल (ISL) में रेलीगेशन प्रणाली नहीं होने की भी आलोचना की.
उन्होंने कहा, “मुझे गलत नहीं समझें लेकिन आईएसएल आप पर दबाव नहीं बना रहा है. उसमें टीमों पर दूसरी श्रेणी में खिसकने का दबाव नहीं होता है. यह टॉप स्तर की अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खेलने से बहुत भिन्न है.”
स्टिमक ने इसके साथ ही सुझाव दिया कि आई-लीग में विदेशी स्ट्राइकरों को नहीं खिलाया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, “हमें आई-लीग को भी विदेशी खिलाड़ियों के बिना खेलने पर विचार करना चाहिए. इससे भारतीय स्ट्राइकरों, मिडफील्डरों और सेंटर बैक के लिए रास्ता खुलेगा. इससे तीन चार सालों में राष्ट्रीय टीम को बहुत मदद मिलेगी.”
स्टिमक से सितंबर के बाद की उनकी योजनाओं के बारे में पूछा गया, उन्होंने कहा, “मैं एआईएफएफ (अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ) के साथ सम्मानित महसूस कर रहा हूं. मुझे जो सहयोग मिला मैं उसकी सराहना करता हूं. हमारे पास भविष्य के लिए अच्छा मंच है.”
उन्होंने कहा, “मेरे भविष्य का फैसला एआईएफएफ तकनीकी समिति, एआईएफएफ और अध्यक्ष को करना है. यदि वे मेरे प्रदर्शन से खुश नहीं होते हैं तो मुझे यह स्वीकार होगा.”
मुख्य कोच ने कहा कि वह अगस्त में राष्ट्रीय शिविर शुरू करना चाहते हैं और आईएसएल शुरू होने से पहले कुछ मैत्री मैचों में खेलना चाहते हैं.
स्टिमक ने कहा, “हमें फीफा कैलेंडर का लाभ उठाना है और अगस्त में शिविर शुरू करना है. हम सितंबर में दो मैत्री मैच खेलना पसंद करेंगे और यदि आईएसएल देर से शुरू होता है तो हम अक्टूबर और नवंबर में भी मैत्री मैच खेल सकते हैं.”
नोट – भाषा
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