Virat Kohli ही नहीं इन 4 बड़े खिलाड़ियों पर भी लग चुका है ‘A Lean Patch’ का ग्रहण
Virat Kohli इन दिनों अपनी फॉर्म को लेकर खूब चर्चा में हैं। विश्व क्रिकेट में अपनी बल्लेबाज़ी (Virat Kohli Batting) से नया…

Virat Kohli इन दिनों अपनी फॉर्म को लेकर खूब चर्चा में हैं। विश्व क्रिकेट में अपनी बल्लेबाज़ी (Virat Kohli Batting) से नया मुकाम हासिल करने वाले विराट कोहली का डंका दुनियाभर में बजता रहा है। अपने आलोचकों को हमेशा बल्ले से जवाब देने वाले विराट कोहली का बल्ला आज पूरी तरह से खामोश है। विराट कोहली की खराब फॉर्म (Virat Kohli Poor Form) के बारे में आज हर कोई बात कर रहा है। लेकिन क्या आपको पता है वो अकेले ऐसे खिलाडी नहीं हैं, जो खराब दौर से गुजरे हैं। खेल की ताजा खबरों के लिए जुड़े रहिए hindi.insidesport.in
विराट कोहली के बल्ले से पिछले 3 साल से कोई भी शतक नहीं आया है। विराट का आखिरी शतक बांग्लादेश के खिलाफ 2019 में आया था। इस साल कोहली ने 4 टेस्ट मैचों में कुल 220 रन ही बनाए हैं। जबकि वनडे में विराट कोहली ने 6 मुक़ाबलों में 23 की औसत से 142 रन बनाए हैं, वहीं टी20 में 4 मैचों में उनके नाम कुल 81 रन दर्ज़ हैं।

विराट कोहली के अलावा भी कई दिग्गज खिलाड़ी ऐसे समय से गुजर चुके हैं जब वह अपनी फॉर्म को पाने के लिए तरस रहे थे। कई खिलाड़ी हैं, जिनके एक बुरे दौर ने उनके पूरे करियर पर ही विराम लगा दिया। इस बुरे दौर को क्रिकेट की भाषा में ‘A Lean Patch’ कहा जाता है। इस दौरान एक खिलाड़ी अपनी फॉर्म में वापस आने के लिए सारे तरीके अपना लेता है लेकिन वह अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब नहीं हो पाता है। आज इस लेख में हम आपको उन खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं जिनके बुरे दौर ने उनके करियर पर भी असर डाला।
4. दिलीप वेंगसरकर

मुंबई के बल्लेबाज दिलीप वेंगसरकर 1980 के दशक में भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज थे और लगभग दो वर्षों के लिए उस युग की रेटिंग प्रणाली द्वारा उन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज के रूप में स्थान दिया गया था। हालांकि, उनके करियर में 1988 से 1992 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे के अंत तक उनके बल्ले से रनों का सूखा जारी रहा था और उस समय को उनका सबसे बुरा दौर भी माना जाता है।
उस समय अवधि में वेंगसरकर ने 18 टेस्ट मैचों के दौरान एक भी शतक नहीं बनाया और उनका औसत 22.66 का रहा था। 1992 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर वेंगसरकर के बल्ले ने उनका बिल्कुल साथ नहीं दिया और उन्होंने वहां 5 टेस्ट में केवल 17.55 के औसत से रन बनाए। उस समय तक उनको टीम से बाहर करने की मांगें जोर पकड़ चुकी थीं।
3. वीरेंदर सहवाग

अगर किसी को भारत के अब तक के कुछ सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों की एक छोटी सूची बनानी है, तो वीरेंद्र सहवाग निश्चित रूप से उस पर होंगे। हालांकि, 2011 के विश्व कप के बाद उनकी फॉर्म में जो गिरावट आई उसके कारण उनके करियर का अंत हो गया। अपने करियर के आखिरी 18 टेस्ट मैचों में, 2011 के जनवरी से अपने करियर के अंत तक, उन्होंने केवल एक शतक बनाया और उनका औसत 28.62 का रहा।
एक दिवसीय मैचों में, उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया, दिसंबर 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ प्रसिद्ध 219 रनों की पारी भी खेली। लेकिन 2012-12 में पाकिस्तान के खिलाफ उनकी खराब फॉर्म ने वीरेंदर सहवाग के करियर पर ही ग्रहण लगा दिया और 2015 में उन्होंने अपने करियर को अलविदा कह दिया।
2. कुमार संगकारा

श्रीलंका के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज़ कुमार संगकारा का बुरा दौर 2003-04 के बीच देखने को मिला था जब उनके बल्ले से बिलकुल भी रन नहीं आ रहे थे। 12 मैचों में 25.18 के औसत से महज़ 277 रन ही बना पाए थे। इस दौरान वह 30 और 40 रन बनाकर आउट हो जाते थे। हालांकि इसके दो साल बाद उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ दोहरा शतक जड़कर अपनी फॉर्म में वापसी की थी।
1. सचिन तेंदुलकर

भारतीय टीम के पूर्व महान बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर को भी इस बुरे दौर से गुजरना पड़ा था। 2006 वो साल था जब उनके बल्ले से बिलकुल भी रन नहीं आ रहे थे। कोहनी की चोट की वजह से सचिन के करियर का बहुत बुरा दौर आया था, जिसको खुद सचिन तेंदुलकर ने भी माना था कि इस बीमारी के कारण उन्हें लगा जैसे उनका करियर समाप्त हो चुका है। इस दौरान उनके बल्ले से 13 पारियों में 27 के औसत से महज़ 335 रन ही बनाए थे।
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