Sunil Gavaskar Birthday Special: पूर्व भारतीय कप्तान और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) आज अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं। लिटिल मास्टर (Little Master) के नाम से मशहूर गावस्कर ने अपने क्रिकेट करियर में कई रिकॉर्ड (Records) बनाए हैं और देश का नाम रोशन किया है। 70 और 80 के दशक में जब वेस्टइंडीज (West Indies) के गेंदबाज अपनी तेज तर्रार गेंदों से दुनिया के साभी बल्लेबाजों के दिल में खौफ पैदा र रहे थे। उसी दौरान गावस्कर एक के बाद एक कीर्तिमान बना रहे थे, वह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे पहले 10 हजार का आंकड़ा छूने वाले बल्लेबाज हैं। खेल की ताजा खबरों के लिए जुड़े रहिए hindi.insidesport.in
वहीं उन्होंने अपने डेब्यू के दौरान पूरी दुनिया को बता दिया था कि वे आने वाले समय में एक शानदार बल्लेबाज हैं। गावस्कर का एक रिकॉर्ड आज भी कायम है दरअसल, उन्होंने अपनी पहली सीरीज में बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 774 रन बनाए थे, इस दौरान उन्होंने एक दोहरा शतक, 4 शतक के साथ तीन अर्धशतक भी बनाए थे।
सुनील गावस्कर का आज 73वां जन्मदिन है। इस मौके पर हम आपको उनके बचपन से जुड़ा किस्सा बताने जा रहे हैं। गावस्कर के साथ बचपन में एक हादसा हुआ था, जिसके चलते गावस्कर आज क्रिकेटर नहीं बल्कि मछुआरे हो सकते थे।
Sunil Gavaskar Birthday Special: लेकिन क्या आप जानते हैं कि गावस्कर के साथ बचपन में एक हादसा हो गया था, उनकी किस्मत अच्छी रही नहीं तो उस हादसे के कारण वो महान क्रिकेटर नहीं बल्कि कुछ और होते। बता दें कि, सुनील गावस्कर ने अपनी ऑटोबायोग्राफी सनी डेस में जिक्र किया है कि वे जन्म लेते ही अपने माता पिता से बिछड़ने वाले थे और अगर ऐसा नहीं होता तो वो आज क्रिकेटर नहीं शायद मछुआरे होते।
साथ ही ऑटोबायोग्राफी में गावस्कर ने लिखा है कि मैं क्रिकेटर नहीं बना होता और न ही ये किताब लिखी गई होती। अगर मेरी जिंदगी में तेज नजरों वाले नारायण मासुरकर नहीं होते, तो पता नहीं क्या होता। दरअसल, जब मेरा जन्म हुआ तब वे मुझे देखने अस्पताल आए थे, मैं उन्हें बाद में नन-काका कहकर बुलाता था। मासुरकर जब मुझसे मिलने आए तो उन्होंने मुझे गोद में उठाया और मेरे कान में एक बर्थमार्क देखा।
Sunil Gavaskar Birthday Special: वहीं जब वो अगली बार अस्पताल आए और उन्होंने फिर से बच्चे को उठाया तो इस बार कान पर वो निशान नहीं था जिस कारण वो अस्पताल में शोर मचाने लगे और फिर अस्पताल प्रशासन मुझे ढूंढने में लग गया। पूरे अस्पताल में बच्चों को चेक किया गया तो मैं मछुआरे की पत्नी के पास सोता मिला। गावस्कर अपनी किताब में आगे जिक्र करते हैं कि शायद नहलाते समय नर्स ने गलती से मुझे वहां सुला दिया था। अगर चाचा ने मुझे उस दिन ध्यान से नहीं देखा होता तो आज मैं एक मछुआरा होता।
सुनील गावस्कर का क्रिकेट करियर
सुनील गावस्कर ने 1971 से 1987 तक भारत के लिए खेला। अपने 16 साल के करियर में उन्होंने ढेरों कीर्तिमान छुआ, लिटिल मास्टर ने 125 टेस्ट मैचों की 214 पारियों में 51.12 के औसत से 10122 रन बनाए हैं। वहीं इस दौरान उन्होंने 34 शतक और 45 हाफ सेंचुरी लगाई। वनडे में 108 मैचों में 35.13 की औसत से 3092 रन बनाए जबकि एक शतक और 27 अर्धशतक लगाए।
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