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IPL 2021: ‘कुछ भारतीय खिलाड़ियों को आईपीएल बबल में प्रतिबंध पसंद नहीं आए’, MI के कोच जेम्स पेमेंट का दावा

IPL 2021: ‘कुछ भारतीय खिलाड़ियों को आईपीएल बबल में प्रतिबंध पसंद नहीं आए’, MI के कोच जेम्स पेमेंट का दावा

कुछ भारतीय खिलाड़ियों को प्रतिबंध पसंद नहीं आए: MI के कोच जेम्स पेमेंट
IPL 2021: ‘कुछ भारतीय खिलाड़ियों को आईपीएल बबल में प्रतिबंध पसंद नहीं आए’, MI के कोच जेम्स पेमेंट का दावा- मुंबई इंडियंस के फील्डिंग कोच जेम्स पामेंस ने दावा किया है कि कुछ सीनियर भारतीय क्रिकेटरों को आईपीएल बायो बबल में प्रतिबंधों में रहना पसंद नहीं आया लेकिन उन्हें बबल बिल्कुल सुरक्षित लगा. उन्होंने किसी […]

IPL 2021: ‘कुछ भारतीय खिलाड़ियों को आईपीएल बबल में प्रतिबंध पसंद नहीं आए’, MI के कोच जेम्स पेमेंट का दावा- मुंबई इंडियंस के फील्डिंग कोच जेम्स पामेंस ने दावा किया है कि कुछ सीनियर भारतीय क्रिकेटरों को आईपीएल बायो बबल में प्रतिबंधों में रहना पसंद नहीं आया लेकिन उन्हें बबल बिल्कुल सुरक्षित लगा.

उन्होंने किसी खिलाड़ी का नाम नहीं लिया. आईपीएल 2021 में खिलाड़ियों में कोरोना संक्रमण के मामले आने के बाद लीग को चार मई को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था.

पामेंट ने स्टफ डॉट कॉम डॉट न्यूजीलैंड से कहा, “कुछ भारतीय खिलाड़ियों को प्रतिबंध और दिशा निर्देश पसंद नहीं आ रहे थे. लेकिन हमें बिल्कुल सुरक्षित लगा. हमें एक बार भी नहीं लगा कि बबल में सुरक्षा को लेकर कोई समझौता हो रहा है.”

न्यूजीलैंड के नार्दर्न डिस्ट्रिक्ट के पूर्व कोच ने कहा कि लीग रोके जाने से थोड़ा पहले ही वह और मुंबई टीम के खिलाड़ी आशंकित होने लगे थे. उन्होंने कहा, “जब टीमों में मामले आने लगे तो हम थोड़ा डर गए और आशंकित भी हो गए थे.”

उन्होंने कहा, “चेन्नई सुपर किंग्स ने बताया कि उसकी टीम में मामले हैं और हमने उसी सप्ताह चेन्नई से खेला था. मैंने ज्यादातर समय ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के क्रिकेटरों के साथ बिताया और मैने पाया कि उनकी सोच बदल चुकी थी.”

उन्होंने कहा कि उन्हें हालांकि एक पल को भी ऐसा नहीं लगा कि मुंबई इंडियंस की ओर से टीम होटल में बनाए गए बायो बबल में उनके स्वास्थ्य को लेकर कोई समझौता किया गया.

पामेंट ने कहा कि लीग निलंबित होने से पहले उन्हें पता था कि भारत कोरोना संकट से जूझ रहा है और ऐसे में मैच छह शहरों में नहीं कराए जाने चाहिए थे.

उन्होंने कहा, “अगर मैच सिर्फ मुंबई में होते तो आसानी से हो जाते. लेकिन एक बार मुंबई में मामले बढ़ने के बाद मैदान कर्मियों, अन्य स्टाफ का प्रबंधन मुश्किल हो गया था.”

उन्होंने यह भी कहा कि अहमदाबाद में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैचों में 70 हजारों दर्शकों को प्रवेश की अनुमति देना गैर जिम्मेदाराना था और फिर अहमदाबाद में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ गए.

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