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Ranji Trophy: डेब्यू मैच में शतक जड़ने के बाद यश धुल बोले, मैं विराट कोहली की तरह सभी फॉर्मेट का खिलाड़ी बनना चाहता हूं

Ranji Trophy: डेब्यू मैच में शतक जड़ने के बाद यश धुल बोले, मैं विराट कोहली की तरह सभी फॉर्मेट का खिलाड़ी बनना चाहता हूं

Ranji Trophy: डेब्यू मैच में शतक जड़ने के बाद यश धुल बोले, मैं Virat Kohli की तरह बनना चाहता हूं Yash Dhul debut match Yash Dhul century
Ranji Trophy, Yash Dhul century, Virat Kohli: कोरोना के चलते पिछले सीजन नहीं होने वाली रणजी ट्राफी की इस साल वापसी हुई है। इस टूर्नामेंट में दिल्ली और तमिलनाडु के बीच गुरुवार को बरसापारा क्रिकेट स्टेडियम, गुवाहाटी में खेले गए मुकाबले में अंडर 19 विजेता कप्तान यश धुल (Yash Dhul) अपने रणजी करियर की शानदार […]

Ranji Trophy, Yash Dhul century, Virat Kohli: कोरोना के चलते पिछले सीजन नहीं होने वाली रणजी ट्राफी की इस साल वापसी हुई है। इस टूर्नामेंट में दिल्ली और तमिलनाडु के बीच गुरुवार को बरसापारा क्रिकेट स्टेडियम, गुवाहाटी में खेले गए मुकाबले में अंडर 19 विजेता कप्तान यश धुल (Yash Dhul) अपने रणजी करियर की शानदार शुरुआत की। दिल्ली के लिए खेलने वाले धुल ने डेब्यू मुकाबले में ही तमिलनाडु के खिलाफ शतक (Yash Dhul debut match) जड़ दिया। खेल की ताजा खबरों के लिए जुड़े रहिए- hindi.insidesport.in

ओपनिंग करने आए यश धुल

Ranji Trophy: तमिलनाडु ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया। विजय शंकर की अगुवाई वाली तमिलनाडु के खिलाफ धुल को ओपनिंग करने के लिए कहा गया। अंडर-19 विश्वकप में वह चौथे नंबर पर बल्लेबाजी कर रहे थे। लेकिन उन्होंने पारी की शुरुआत करना स्वीकार किया और 133 गेदों में अपना शतक पूरा किया। इस दौरान उनके बल्ले से 16 चौके भी निकले। दूसरे ओपनर ध्रुव शोरी 1 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। वहीं तीसरी नंबर पर बल्लेबाजी करने आए हिम्मत सिंह खाता भी नहीं खोल सके। वहीं धुल ने 150 गेंदों पर 113 रन की पारी खेली।

  • टीओआई से बातचीत में यश धुल ने कहा कि सिर्फ गेंद का रंग बदला है, खेल तो वही खेलना है। यह मेरे लिए सामान्य है।
  • मैं बस खुद को व्यक्त करना चाहता था। मुझे कोई दबाव महसूस नहीं हुआ। मैं खुले दिमाग से वहां गया था।
    सबसे अच्छी बात यह थी कि मुझे अपनी खेल शैली पर भरोसा था।
  • मैं विराट कोहली की तरह एक ऑल-फॉर्मेट खिलाड़ी बनना चाहता हूं। वह खेल के लीजेंड हैं। उन्होंने तीनों फॉर्मेट में अपना दबदबा बनाया है।
  • मैं भी तीनों फॉर्मेट में सर्वश्रेष्ठ बनना चाहता हूं। वह मेरी प्रेरणा हैं। धुल ने सीनियर्स और कोच की तारीफ भी की।
  • धुल ने कहा कि यह मेरा डेब्यू था लेकिन मैं नर्वस नहीं था। मैंने विश्व कप जीत के लिए भारत की कप्तानी की है और उस टूर्नामेंट ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है।
  • अंडर-19 विश्व कप ने मुझे सिखाया कि दबाव को कैसे संभालना है और कठिन परिस्थितियों में प्रदर्शन करना है।
    इससे मुझे रणजी में डेब्यू करने में मदद मिली। मैंने उस डेब्यू दबाव को मानसिक रूप से प्रभावित नहीं होने दिया।

कोच ने दी यह सलाह
Ranji Trophy: मैंने अपने कोच राजेश सर, अनुज रावत और राजकुमार सर के साथ रणजी डेब्यू से पहले बात की और उन्होंने कहा कि यह सब मानसिकता के बारे में है। राजेश सर ने कहा – ‘शांत रहो, जाओ और जिस तरह से बल्लेबाजी करो वैसे ही बल्लेबाजी करो जैसी बल्लेबाजी कर रहे थे। उन्होंने कहा – ‘आप विश्वकप विजेता कप्तान हैं और आप पहले ही सबसे बड़े स्तर पर प्रदर्शन कर चुके हैं, इसलिए यह आपके लिए एक आसान होगा। उन्होंने मुझे इसके बारे में बिल्कुल नहीं सोचने के लिए कहा। मैं गया बीच में बिना यह सोचे कि यह मेरा डेब्यू है और इसने काम कर दिया। मैं मानसिक रूप से मजबूत था।”

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