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India tour of Sri Lanka: पृथ्वी शॉ ने राहुल द्रविड़ को लेकर कही बड़ी बात, ‘द वॉल’ के होने से बढ़ जाता है अनुशासन

India tour of Sri Lanka: पृथ्वी शॉ ने राहुल द्रविड़ को लेकर कही बड़ी बात, ‘द वॉल’ के होने से बढ़ जाता है अनुशासन

भारतीय टीम में वापसी पर Prithvi Shaw का ऐलान, ‘मुझे मौके का फायदा उठाना है’
India tour of Sri Lanka: India tour of Sri Lanka: पृथ्वी शॉ ने राहुल द्रविड़ को लेकर कही बड़ी बात, ‘द वॉल’ के होने से बढ़ जाता है अनुशासन-  पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) मौका मिलने पर उसे हथियाने के लिए पूरी तरह से संकल्पित है. जबकि शॉ को ओपनर से स्थान के लिए 3 अन्य […]

India tour of Sri Lanka: India tour of Sri Lanka: पृथ्वी शॉ ने राहुल द्रविड़ को लेकर कही बड़ी बात, ‘द वॉल’ के होने से बढ़ जाता है अनुशासन-  पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) मौका मिलने पर उसे हथियाने के लिए पूरी तरह से संकल्पित है. जबकि शॉ को ओपनर से स्थान के लिए 3 अन्य सलामी बल्लेबाजों के साथ संघर्ष करना होगा, उन्हें राहुल द्रविड़ की सलाह के तहत दौरे पर महत्व दिया जाएगा. शिखर धवन (Shikhar Dhawan) की अगुवाई वाली टीम इंडिया 13 जुलाई से 3 वनडे और इतने ही टी20 मैच खेलेगी.

पृथ्वी शॉ ने कोलंबो जाने से पहले इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “जैसा कि राहुल सर वहां हैं, तो ड्रेसिंग रूम में अनुशासन की उम्मीद की जाएगी. मैं राहुल सर के साथ प्रेक्टिस सेशन का इंतजार कर रहा हूं क्योंकि मुझे उनसे बहुत देर तक बात करना अच्छा लगता है. इस दौरे में, मुझे बस मौके का फायदा उठाना है. मैं भारतीय टीम में वापसी के लिए बेताब था. मैंने टीम को हमेशा अपने से ऊपर रखा है. भारत हो, रणजी ट्रॉफी टीम हो, क्लब हो या मेरी स्कूल टीम, मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहता हूं.”

India tour of Sri Lanka: पृथ्वी शॉ को इंग्लैंड बुलाया जा सकता है और पूरी श्रीलंका सीरीज को वो मिस कर सकते हैं, यदि नहीं, तो ये सीरीजआत्मविश्वास बढ़ाने वाली होगी और ढेर सारे रन उन्हें विराट कोहली वाली कोर टीम इंडिया में अपनी जगह वापस पाने में मदद करेंगे. वह एक बार फिर राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में खेलेंगे, जिसेसे उन्हें भारत के लिए खेलते हुए अपना खोया हुआ आत्मविश्वास फिर से हासिल करने में मदद मिलेगी.

पृथ्वी शॉ ने कहा, “राहुल द्रविड़ सर के अंडर खेलने का एक अलग तरह का मजा है. वह हमारे भारत के अंडर-19 कोच थे. वह जिस तरह से बोलते हैं, जिस तरह से वह अपना कोचिंग अनुभव शेयर करते हैं, वह अद्भुत है. जब भी वह खेल के बारे में बात करते हैं तो इससे पता चलता है कि वह अपने साथ कितना अनुभव लाते हैं. वह क्रिकेट के बारे में सब कुछ जानते हैं. जिस तरह से वह परिस्थितियों पर बोलते हैं और उनका उपयोग कैसे करते हैं, वह इस दुनिया से बाहर है.”

मुंबई के इस युवा खिलाड़ी ने याद किया कि डोप प्रतिबंध के दौरान पूर्व भारतीय कप्तान (Rahul Dravid) ने उनका कितना समर्थन किया था. शॉ ने कहा, “ए टूर पर, मैंने उनसे बात की थी. जब मुझे डोपिंग के लिए प्रतिबंधित किया गया, तो उन्होंने फोन किया और कहा, ‘यह जीवन का हिस्सा है. ठीक है. यह मेरी गलती नहीं थी और मैं और मजबूत होकर वापस आऊंगा. यह बहुत अच्छा लगा कि उन्होंने मेरे बुरे दौर में भी मुझसे बात की.”

India tour of Sri Lanka: शॉ को ऑस्ट्रेलिया दौरे से हटा दिए जाने के बाद, वह घर लौट आए थे और अपनी तकनीक पर काम किया, जिससे पृथ्वी शॉ 2.0 को बाहर निकाल कर आया जो एक अधिक घातक वर्जन था और जो गेंदबाजों को मजे के लिए पीटता है. विजय हजारे ट्रॉफी के बाद से, शॉ ने IPL 2021 सहित 16 खेलों में 145 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं. वीजेटी में, उन्होंने 165.40 का औसत बनाया, जबकि IPL 2021 में उन्होंने दिल्ली कैपिटल के लिए 38.50 औसत के रन बनाया. एक बार फिर श्रीलंका के खिलाफ उनके डीसी ओपनर शिखर धवन के साथ पारी की शुरुआत करने की उम्मीद है. फिलहाल, वह फिर से भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए मिले मौके का लुत्फ उठा रहे हैं.

पृथ्वी शॉ ने कहा, “अच्छा लगा. मैं रन बना रहा था और कहीं न कहीं ऐसा लग रहा था कि मुझे फिर से कॉल आनी चाहिए, क्योंकि जिस तरह से मैं बल्लेबाजी कर रहा था और रन मेरे पीछे बाग रहे थे.”

उन्होंने कहा, “हर कोई जानता था कि मैंने अपनी बल्लेबाजी पर कड़ी मेहनत की है और मेरी तकनीक में भी कुछ बदलाव आया है. ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान मेरी तकनीक को लेकर काफी चर्चा हुई थी. मेरी फिटनेस को लेकर बातें हुईं. इस बार सभी ने महसूस किया और देखा कि मैंने कड़ी मेहनत की है. मैं बस अपनी वापसी के लिए बेताब था. मैं इस बात की परवाह नहीं करता कि दूसरे क्या महसूस करते हैं लेकिन मुझे लगा कि मुझे रोजाना सुधार करने की जरूरत है.”

हालांकि, अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के इतने कम समय में इतने उतार-चढ़ाव से गुजरने के बावजूद, पृथ्वी शॉ ने कहा कि वह अभी भी बुरे दिनों में अभ्यास नहीं करने के नियम का पालन करते हैं – ऐसा कुछ जिसके बारे में डीसी कोच रिकी पोंटिंग ने उन्हें कहा है.

उन्होंने कहा, “अब भी वही है. निजी तौर पर, मुझे लगता है कि अगर मैं जोर लगाता हूं – खासकर जब चीजें मेरे लिए सही नहीं हो रही हैं – यह मेरे के लिए काम नहीं करता है. मैं वह नहीं हूं जो दूसरों को यह दिखाने की कोशिश करता हूं कि मैं कड़ी मेहनत कर रहा हूं. भीतर से एक आवाज आती है, जो कहती है ‘अब और नहीं’ मैं खुद को मजबूर नहीं करता. मैं तब बस एक ब्रेक लेता हूं और अगली बार फिर से शुरू करता हूं जब मुझे लगता है कि मैं बहुत बेहतर महसूस कर रहा हूं.”

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