दीपक हुड्डा का बड़ा फैसला, डोमेस्टिक सीजन से पहले बड़ौदा को छोड़ा; क्यों भड़क गए इरफान पठान?- अनुभवी बल्लेबाज दीपक हुड्डा (Deepak Hooda) ने पिछले सत्र में कप्तान कृणाल पंड्या (Krunal Pandya) के साथ मतभेदों के बाद बड़ौदा (Baroda) क्रिकेट टीम से नाता तोड़ लिया है। बड़ौदा क्रिकेट संघ (बीसीए) ने उन्हें एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) भी जारी कर दी है। बीसीए सचिव अजित लेले ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की। इसके बाद इरफान पठान (Irfan Pathan) बड़ौदा क्रिकेट (Baroda) पर भड़क गए।
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Deepak Hooda – बीसीए ने जनवरी में ‘अनुशासनहीनता’ और ‘खेल की प्रतिष्ठा को नुकसान’ पहुंचाने के लिए हुड्डा को पिछले घरेलू सत्र में निलंबित किया था। हुड्डा सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी की शुरुआत से पहले शिविर छोड़कर चले गए थे। हुड्डा ने दावा किया था कि पंड्या ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। 26 साल के हुड्डा ने 2014 में प्रथम श्रेणी पदार्पण किया और 46 मैचों में नौ शतक और 15 अर्धशतक की मदद से 2,908 रन बना चुके हैं। दाएं हाथ के ऑफ स्पिनर हुड्डा के नाम 20 विकेट भी दर्ज हैं।
भारत के पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान (Irfan Pathan) ने उनके जाने को बड़ौदा (Baroda) के लिए ‘बड़ा नुकसान’ करार दिया है। पठान (Irfan Pathan) ने ट्वीट किया, ‘‘कितने क्रिकेट संघ ऐसे खिलाड़ी को गंवा देते हैं जो भारतीय टीम के संभावित खिलाड़ियों की सूची में शामिल है। दीपक हुड्डा का बड़ौदा क्रिकेट को छोड़कर जाना बड़ा नुकसान है। वह 10 और साल टीम को अपनी सेवा दे सकता था क्योंकि वह अभी युवा है। बड़ौदा का होने के कारण मैं इससे बेहद निराश हूं।’’
How many cricket association will loose out on a player who is in the Indian team probables list? Deepak Hooda leaving baroda cricket is a huge loss. He could have easily given his services for another ten years as he is still young. As a Barodian It’s utterly disappointing!
— Irfan Pathan (@IrfanPathan) July 15, 2021
Deepak Hooda ने स्पोर्टस्टार से बातचीत में कहा, “निश्चित रूप से बड़ौदा (Baroda) को छोड़ना एक दुखद अहसास है, जिसके लिए मैंने अपने पूरे करियर में खेला है। लेकिन मैंने अपने कोचों, शुभचिंतकों से बात की और मुझे लगा कि यह मेरे लिए सही फैसला है।” हुड्डा (Deepak Hooda) ने बीसीए सचिव अजीत लेले को एक ईमेल लिखा था। इसमें उन्होंने दावा किया था कि कुणाल पांड्या के व्यवहार के बाद उन्हें “निराश, उदास और दबाव में” छोड़ दिया गया है। लेले ने अब स्वीकार किया है कि बोर्ड हुड्डा और कुणाल के बीच की स्थिति को जनवरी में हुई स्थिति से बेहतर तरीके से संभाल सकता था।
Krunal Pandya- बीसीए सचिव अजीत लेले ने कहा, “हमने बुधवार को उन्हें एनओसी जारी कर दिया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें बड़ौदा छोड़ना पड़ा। मुझे लगता है कि पूरे मुद्दे (हुड्डा और कुणाल के) को और अधिक व्यावहारिक तरीके से संभाला जा सकता था।”