ICC WTC Final: विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल से पहले भारत के लिए खतरे की घंटी, इन बड़े कारणों से बढ़ी टीम इंडिया की परेशानी- भारत और न्यूजीलैंड के बीच 18 जून से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मैच खेला जाना है। एक तरफ जहां इसकी तैयारी के लिए भारतीय क्रिकेट टीम इंट्रा-स्क्वाड मैच खेल रही है। वहीं, न्यूजीलैंड की टीम इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेल रही है। जैसे-जैसे फाइनल नजदीक आ रहा है। विराट सेना की टेंशन बढ़ते जा रही है।
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न्यूजीलैंड इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल से पहले 2 मैचों की टेस्ट सीरीज खेल रहा है। इस सीरीज में न्यूजीलैंड की टीम कमाल का प्रदर्शन कर रही है। दोनों के बीच पहला टेस्ट मैच ड्रॉ रहा था। लेकिन दूसरे टेस्ट में वो जीतने की दहलीज पर खड़ी हैं। कीवी टीम ये मैच तब जीत रही है। जब उनके कप्तान केन विलियमसन टीम से बाहर हैं। वहीं, टीम के एक और प्रमुख खिलाड़ी बीजे वाटलिंग भी टेस्ट मैच नहीं खेल रहे हैं।
फाइनल से पहले अनुभवी बल्लेबाज रॉस टेलर भी फ्रॉर्म में वापसी कर चुके हैं। उन्होंने दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ 80 रनों की शानदार पारी खेली। एक तरफ भारत के पास जहां एक भी अभ्यास मैच खेलने को नहीं है। वहीं, न्यूजीलैंड इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेल रहा है। ऐसे में वह वहां की परिस्थिति के मुताबिक ढलने में कामयाब होंगे। जिससे उनको विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में बहुत मदद मिलेगी।
इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू करने वाले डेवोन कॉन्वे इंग्लैंड के खिलाफ 3 पारियों में कुल 303 रन बनाए हैं। इस खिलाड़ी से भी टीम इंडिया को बचना होगा। वहीं, तेज गेंदबाज टीम साउदी का भारत के खिलाफ शानदार रिकॉर्ड रहा है। उन्होंने भारत के खिलाफ 8 टेस्ट मैच में कुल 39 विकेट चटका चुके हैं। अंग्रेजों के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में उन्होंने 7 विकेट झटक कर भारत के लिए खतरे की घंटी बजा दी है।
खतरा नंबर-2- ड्यूक्स गेंदें
भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज अजीत अगरकर ने स्टार स्पोर्ट्स के शो ‘गेम प्लान’ में उन चुनौतियों पर चर्चा की जिनका सामना भारत को करना पड़ सकता है। पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा था, “हालात न्यूजीलैंड के पक्ष में होंगे क्योंकि जब आप इंग्लैंड में खेलते हैं तो वहां की परिस्थिति लगभग न्यूजीलैंड जैसी ही होती है। ऐसे में कीवी गेंदबाजों को ड्यूक्स गेंद के साथ आसानी हो जाती है जो स्विंग करती है। इसलिए यह काफी चुनौतीपूर्ण होगा।”
“बोल्ट और साउदी दोनों दायें हाथ के बल्लेबाजों को गेंदबाजी करते हुए एक गेंद बाहर निकालते हैं तो दूसरी अंदर लेकर आते हैं. इसके बाद वैगनर, जब कुछ मदद नहीं मिल रही होती और पिच सपाट होती है तो वह आकर विकेट हासिल करते हैं और नियमित तौर पर वह ऐसा कर रहे हैं।” ऐसे में भारतीय बल्लेबाजों के लिए बहुत मुश्किल होने वाली है।
खतरा नंबर-3- भारत सलामी बल्लेबाज को लेकर कंफ्यूज
किसी भी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल से पहले टीम मैंनेजमेंट अपनी प्लेइंग इलेवन को लेकर क्लियर होती है कि उन्हें आखिरी मैच में किन खिलाड़ियों को जगह देना है और किन खिलाड़ियों को नहीं। लेकिन भारतीय टीम के साथ ऐसा नहीं है। भारतीय टीम में रोहित शर्मा, शुभमन गिल, केएल राहुल और मयंक अग्रवाल हैं। मैच में रोहित का स्थान तो पक्का है। लेकिन उनके साथ फाइनल में कौन उतरेगा अभी तक तय नहीं हुआ है।
शुभमन गिल ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद अपनी फ्रॉर्म हासिल नहीं कर पाए हैं। इंग्लैंड के भारत दौरे और उसके बाद आईपीएल में भी उनका बल्ला खामोश रहा है। वहीं, मयंक अग्रवाल का फ्रॉम भी उपर-नीचे होते रहता है। लेकिन अगर अनुभव की बात करें तो मयंक शुभमन से आगे हैं और उन्होंने टेस्ट मैचो में दोहरा शतक भी जड़ा है। केएल राहुल का खेलना तय नहीं माना जा रहा है।
वहीं, भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने कहा है कि उनके पहले विकल्प रोहित शर्मा जबकि दूसरे विकल्प मयंक अग्रवाल होंगे।