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विराट कोहली और रवि शास्त्री का बड़ा बयान, ‘एक ही समय पर दो अलग अलग भारतीय टीमों का खेलना हो सकता है आम’

विराट कोहली और रवि शास्त्री का बड़ा बयान, ‘एक ही समय पर दो अलग अलग भारतीय टीमों का खेलना हो सकता है आम’

विराट कोहली और रवि शास्त्री का बड़ा बयान, ‘एक ही समय पर दो अलग अलग भारतीय टीमों का खेलना हो सकता है आम’
कोहली और शास्त्री का बड़ा बयान, ‘एक ही समय पर दो अलग अलग भारतीय टीमों का खेलना हो सकता है आम’- भारतीय कप्तान विराट कोहली ने बुधवार को संकेत दिया कि कोरोना महामारी के बीच क्रिकेटर जिस तरह मानसिक रूप से थकाऊ बायो बबल में रहने को मजबूर हैं , उसके मद्देनजर आने वाले समय […]

कोहली और शास्त्री का बड़ा बयान, ‘एक ही समय पर दो अलग अलग भारतीय टीमों का खेलना हो सकता है आम’- भारतीय कप्तान विराट कोहली ने बुधवार को संकेत दिया कि कोरोना महामारी के बीच क्रिकेटर जिस तरह मानसिक रूप से थकाऊ बायो बबल में रहने को मजबूर हैं , उसके मद्देनजर आने वाले समय में दो अलग अलग जगहों पर दो भारतीय टीमों का एक समय पर खेलना आम बात हो जायेगी.

कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल और इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलने रवाना होगी. वहीं दूसरे दर्जे की भारतीय टीम जुलाई में सीमित ओवरों की श्रृंखला खेलने श्रीलंका जायेगी.

कोहली ने कहा कि खिलाड़ियों को कार्यभार प्रबंधन ही नहीं बल्कि बायो बबल से होने वाली मानसिक थकान से रिकवरी के लिये भी ब्रेक की जरूरत है. उन्होंने रवानगी से पहले प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ मौजूदा ढांचे और लंबे समय से जिस तरह के ढांचे में हम खेल रहे हैं, उसमें खिलाड़ियों का जोश बनाये रखना और मानसिक ठहराव को पाना मुश्किल है.’’

उन्होंने कहा ,‘‘ आप एक ही इलाके में कैद रहते हैं और रोज एक सी दिनचर्या रहती है । ऐसे में भविष्य में दो टीमों का एक समय पर अलग अलग जगहों पर खेलना आम बात होगी.’’

भारतीय टीम को यहां 14 दिन क्वारंटीन में रहना पड़ा और ब्रिटेन पहुंचने पर भी क्वारंटीन में रहना होगा जो उतना कड़ा नहीं होगा. दुनिया भर के खिलाड़ियों ने बायो बबल में रहकर टूर्नामेंट खेलने की चुनौतियों के बारे में बात की है । कोहली ने कहा ,‘‘ कार्यभार के अलावा मानसिक स्वास्थ्य का पहलू भी अहम है.’’

उन्होंने कहा ,‘‘ आज के दौर में जब आप मैदान पर जाते हैं और कमरे में लौटते हैं तो आपके पास ऐसी कोई जगह नहीं होती कि आप खेल से अलग हो सकें. आप वॉक पर या खाने या कॉफी के लिये बाहर जा सकें और कह सकें कि मैं तरोताजा हो सकूं.’’

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कोहली ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े पहलुओं को देखकर खिलाड़ियों के ब्रेक मांगने का भी समर्थन किया. उन्होंने कहा ,‘‘ हमेशा एक ऐसा माध्यम होना चाहिये जिसके तहत खिलाड़ी प्रबंधन से कह सकें कि उन्हें ब्रेक की जरूरत है. यह बड़ा पहलू है और मुझे यकीन है कि प्रबंधन इसे समझता है.’’

कोच रवि शास्त्री ने कहा कि मौजूदा शेड्यूल और पृथकवास ने खिलाड़ियों का काम मुश्किल कर दिया है. उन्होंने कहा ,‘‘ बात सिर्फ विश्व चैम्पियनशिप की नहीं है बल्कि छह सप्ताह में इस माहौल में पांच टेस्ट खेलने है जो मजाक नहीं है.’’ उन्होंने कहा ,‘‘ सबसे फिट खिलाड़ियों को भी ब्रेक की जरूरत होगी । मानसिक पहलू को अनदेखा नहीं कर सकते.

नोट- ( भाषा)

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