Birthday Special: बंगाली परिवार में जन्मी Isa Guha ने इंग्लैंड के लिए खेला क्रिकेट, बस में टॉयलेट करने वाले खुलासे के बाद फिर आई थी चर्चा में

बंगाली परिवार में जन्मी Isa Guha ने इंग्लैंड के लिए खेला क्रिकेट, भाई को देखकर की थी शुरुआत: इंग्लैंड महिला क्रिकेटर ईशा…

बंगाली परिवार में जन्मी Isa Guha ने इंग्लैंड के लिए खेला क्रिकेट, भाई को देखकर की थी शुरुआत
बंगाली परिवार में जन्मी Isa Guha ने इंग्लैंड के लिए खेला क्रिकेट, भाई को देखकर की थी शुरुआत
बंगाली परिवार में जन्मी Isa Guha ने इंग्लैंड के लिए खेला क्रिकेट, भाई को देखकर की थी शुरुआत: इंग्लैंड महिला क्रिकेटर ईशा गुहा आज अपना 36वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रही है, कलकत्ता शहर से ताल्लुक रखने वाली ईशा गुहा ने इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम के लिए 83 वनडे, 22 टी20 और 8 टेस्ट मैच खेले हैं. ईशा गुहा 2005 और 2009 क्रिकेट वर्ल्ड कप में इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम का हिस्सा थी, और 2009 में इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने आईसीसी वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था. आप कई क्रिकेटर्स के बारे में जानते होंगे, जिनका जन्म भारत में हुआ लेकिन अब वह किसी अन्य देश के लिए खेल रहे हैं लेकिन ईशा गुहा उन प्लेयर्स में शामिल नहीं है. दरअसल ईशा गुहा का जन्म तो इंग्लैंड में ही हुआ था, लेकिन उनकी माता और पिता इंग्लैंड में आकर बस गए थे.
कलकत्ता से ताल्लुक रखती हैं ईशा गुहा
ईशा गुहा के माता पिता भारत के कलकत्ता शहर में रहते थे, जो बाद में जाकर इंग्लैंड में बस गए थे. ईशा गुहा के क्रिकेट करियर की बात करें तो उन्होंने अपने भाई को देखकर क्रिकेट खेलना शुरू किया था.
ईशा गुहा ने 8 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. भारत से ताल्लुक रखने वाली ईशा गुहा ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम के विरुद्ध ही अपना डेब्यू मैच खेला था. 2002 में डेब्यू करने वाली ईशा गुहा ने 2011 में अंतिम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेला था, इसके बाद उन्होंने बतौर कॉमेंटेटर कार्य शुरू किया और यहां भी उन्होंने खूब पहचान बनाई.

क्या ईशा गुहा ने सच में बस के अंदर पेशाब कर दिया था ?

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि ईशा गुहा ने खुद इस बात का खुलासा किया था कि 2005 में एशेज जीत के जश्न में डूबी टीम बस की छत पर थी, मुझे बहुत जोर से टॉइलट आया था. मुझे उस जगह तक इंतजार करने के लिए कहा गया, जहां पहुंचने में आधा घंटा लगता तो ऐसे में बस की छत से उतारकर नीचे चली आई. वहां कोई नहीं दिखा तो मैंने एक कप लिया और टॉयलेट कर लिया, और जीत के जश्न में एक बार फिर से शरीक हो गई.

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