Sourav Ganguly Birthday Special: भारतीय टीम (Team India) के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई (BCCI) के प्रमुख सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) 8 जुलाई को अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं। ‘प्रिंस ऑफ कोलकाता’, ‘बंगाल टाइगर’, ‘ऑफ साइड के भगवान’ और भी ना जानें कितने नामों से पहचाने जाने वाले गांगुली भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) में एक बड़ा चेहरा रह चुके हैं। सौरव गांगुली के क्रिकेट करियर से जुड़े कई किस्से आज भी क्रिकेट प्रेमियों की जुब़ान पर रहते हैं, तो क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स (Lord’s) में टीशर्ट उतारकर हवा में लहराने वाला किस्सा शायद ही कोई भूला होगा। खेल की ताजा खबरों के लिए जुड़े रहिए hindi.insidesport.in
Sourav Ganguly Birthday Special: एंड्रयू फ्लिंटॉफ से लिया बदला
सौरव गांगुली ने 20 June 1996 को भारतीय टीम के लिए टेस्ट में डेब्यू इसी लॉर्ड्स के मैदान से किया। उनका डेब्यू इतना बेहतरीन था कि उन्होंने पहले टेस्ट में शतक के बाद अगले टेस्ट में भी शतक जड़ा। वहीं जब उन्हें कप्तानी मिली तो उन्होंने देश को जीतना सिखाया। हालांकि, वो अपनी दादागिरी के लिए भी जाने जाते थे, उनकी दादागिरी को देखकर लोग भी हैरान रह जाते थे। दरअसल, 13 जुलाई 2002 को इंग्लैंड के ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान में भारत और इंग्लैंड के बीच नेटवेस्ट सीरीज का फाइनल खेला जा रहा था। स्टेडियम में दोनों देशों के दर्शक खचाखच भरे हुए थे, और क्रीज पर थे जहीर खान और मोहम्मद कैफ जिनकी बदौलत टीम इंडिया को एक बेहतरीन जीत हासिल हुई। इस मैच के दौरान मेजबान टीम के खिलाड़ी एंड्रयू फ्लिंटॉफ हक्के बक्के रहे गए और मैदान पर हताश होकर बैठ गए। लेकिन इन सब के बीच कुछ ऐसा भी हुआ जो एतिहासिक रहा।
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Sourav Ganguly Birthday Special: टी-शर्ट उतार कर हवा में लहराई
बता दें कि, जहीर खान और कैफ ने जैसे ही जीत का रन पूरा किया तो लॉर्ड्स की बालकनी में कप्तान सौरव गांगुली अपनी टी-शर्ट उतार कर हवा में लहराने लगे ये घटना इतिहास में दर्ज हो गई। सौरव गांगुली द्वारा ये एंड्रयू फ्लिंटॉफ को जवाब था, बता दें कि, उसी साल फरवरी में इंग्लैंड टीम भारत दौरे पर आई थी और मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में मेहमान टीम की जीत हुई थी। इसके बाद एंड्रयू फ्लिंटॉफ अपनी शर्ट उताकर वानखेड़े मैदान में दौड़ लगाने लगे जिसका बदला दादा ने लॉर्ड्स में लिया।
Sourav Ganguly Birthday Special: सहवाग और धोनी को दिया मौका
हालांकि, गांगुली ने अपनी किताब ए सेंचुरी इज नॉट एनएफ में कबूल किया कि मैच को जीतने के बाद शर्ट उतारकर सेलिब्रेट करना सही नहीं था, जीत का जश्न मनाने के लिए और भी कई तरीके थे। लेकिन यही वो मुकाबला था जब भारत ने विदेशों में न सिर्फ खेल दिखाया बल्कि दुनिया को ये भी बताया कि विदेशों में वो जीत भी सकता है। गांगुली ने ही भारतीय क्रिकेट को उस वक्त बाहर निकाला जब टीम मैच फिक्सिंग जैसे गंभीर आरोप लगते रहते थे उस वक्त उन्होंने टीम की कमान संभाली और खिलाड़ियों को नया जोश और भरोसा दिलाया। वीरेंद्र सहवाग और महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ियों को गांगुली ने ही पहचाना और उन्हें मौके दिए।
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