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BCCI के पूर्व स्कोररों ने गांगुली से लगाई गुहार, ‘रिटायरमेंट बेनिफिट’ दिए जाने की अपील की

BCCI के पूर्व स्कोररों ने गांगुली से लगाई गुहार, ‘रिटायरमेंट बेनिफिट’ दिए जाने की अपील की

BCCI के पूर्व स्कोरर ने गांगुली से ‘सेवानिवृत्ति से जुड़े फायदे’ दिए जाने की अपील की
BCCI के पूर्व स्कोररों ने गांगुली से लगाई गुहार, ‘रिटायरमेंट बेनिफिट’ दिए जाने की अपील की – सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली के हजारों रन के अलावा कपिल देव और अनिल कुंबले के सैकड़ों विकेटों का हिसाब रखने वाले भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) से मान्यता प्राप्त सेवानिवृत्त स्कोरर दशकों तक भारतीय क्रिकेट की सेवा करने के […]

BCCI के पूर्व स्कोररों ने गांगुली से लगाई गुहार, ‘रिटायरमेंट बेनिफिट’ दिए जाने की अपील की – सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली के हजारों रन के अलावा कपिल देव और अनिल कुंबले के सैकड़ों विकेटों का हिसाब रखने वाले भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) से मान्यता प्राप्त सेवानिवृत्त स्कोरर दशकों तक भारतीय क्रिकेट की सेवा करने के बावजूद तंगहाली में हैं.

इनमें से 17 स्कोरर ने 55 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होने के बाद अब एक साथ बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली से ‘सेवानिवृत्ति से जुड़े फायदे’ दिए जाने की अपील की है.

यह पहल मुंबई क्रिकेट संघ (MCA) के स्कोरर विवेक गुप्ते ने की है जिन्होंने देश भर के 17 स्कोरर की ओर से गांगुली को ईमेल भेजकर वित्तीय परेशानी से उबरने में मदद की अपील की है.

गुप्ते ने पीटीआई को बताया, “हमने बीसीसीआई से स्कोरर की सेवानिवृत्ति की उम्र में इजाफे का आग्रह किया था क्योंकि इसमें अधिक शारीरिक कार्य की जरूरत नहीं होती, बीसीसीआई ने अंपायरों की आयु सीमा भी 55 से बढ़ाकर 60 साल कर दी है.”

उन्होंने कहा, “हमने ईमेल में यह भी जिक्र किया है कि ये सभी ‘सेवानिवृत्त’ स्कोरर सीनियर स्कोरर हैं जिन्होंने लगभग तीन दशक तक स्कोरिंग का कार्य किया है.”

बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त स्कोर को हर एक मैच डे के 10 हजार रुपये मिलते हैं लेकिन कोविड-19 महामारी के बीच उनकी आय में काफी कमी आई है क्योंकि बीसीसीआई पिछले सत्र में लाल गेंद के टूर्नामेंट का आयोजन नहीं करा पाया.

हालांकि सबसे अधिक नुकसान पूर्व स्कोरर को हुआ है जो बीसीसीआई की नीति के अनुसार सेवानिवृत्त (रिटायर) हो गए हैं और उनके पास इस मुश्किल समय से उबरने के लिए कोई योजना नहीं है.

गुप्ते ने ईमेल में कहा, “जब हमने शुरुआत की तो प्रतिदिन 50 रुपये दिए जाते थे. सीनियर स्कोरर ने अपनी पूरी जिंदगी इस काम को दे दी और पैसे, नाम या प्रतिष्ठा किसी चीज की उम्मीद नहीं की.”

गुप्ते ने जोर देते हुए कहा कि स्कोरर के लिए उचित सेवानिवृत्त नीति होनी चाहिए.

उन्होंने कहा, “इसलिए आग्रह करते हैं कि उचित सेवानिवृत्त नीति तैयार की जाए और इसे लागू किया जाए और सेवानिवृत्त स्कोरर को तय मासिक पेंशन या एकमुश्त राशि और चिकित्सा कवर के रूप में सेवानिवृत्ति से जुड़े फायदे दिए जाने चाहिए.”

इन स्कोरर को भरोसा है कि बीसीसीआई निश्चित तौर पर सेवानिवृत्त स्कोरर के फायदे के लिए कोई कदम उठाएगा.

इन 17 स्कोरर में झारखंड के एमएस रहमान का कुछ समय पहले निधन हो गया और बड़ौदा क्रिकेट संघ के सुनील लांगड़े को इस सूची में जोड़ा गया जो पिछले साल दिसंबर में सेवानिवृत्त (रिटायर) हुए.

नोट: ये स्टोरी पीटीआई द्वारा प्रकाशित की गई थी.

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